टीकाकरण उपलब्धि ‘नये भारत’, स्वास्थ्यकर्मियों, भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत : रेड्डी |

टीकाकरण उपलब्धि ‘नये भारत’, स्वास्थ्यकर्मियों, भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत : रेड्डी

टीकाकरण उपलब्धि ‘नये भारत’, स्वास्थ्यकर्मियों, भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत : रेड्डी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : October 28, 2021/5:55 pm IST

बेंगलुरु, 28 अक्टूबर (भाषा) केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की 100 करोड़ से अधिक खुराक दिए जाने की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह कोरोना योद्धाओं, ‘नए भारत’ और सहयोगात्मक संघवाद की भावना की जीत है।

यहां एक पर्यटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन में फिर से जान फूंकने के लिए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान से बड़ा कोई आत्मविश्वास बढ़ाने वाला उदाहरण नहीं हो सकता।

केंद्रीय मंत्री ने कोविड महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान में यह उपलब्धि हासिल करने पर देश के प्रत्येक नागरिक को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत देखी। यह ‘नए भारत’ और ‘टीम इंडिया’ की जीत है, यह सहयोगात्मक संघवाद और हमारे कोरोना योद्धाओं की जीत है।’’

रेड्डी ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में कोविड-19 रोधी टीकाकरण और पर्यटन साथ-साथ ही चलेंगे, टीकाकरण के बिना पर्यटन आगे नहीं बढ़ पाएगा और पर्यटक नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें चुनौतीपूर्ण समय का इस्तेमाल, पर्यटन क्षेत्र के बारे में पुनर्विचार करने, उसे पुनर्जीवित करने और नए सिरे से इस पर काम करने के अवसर के रूप में करना चाहिए।’’

भारत के दक्षिणी राज्यों के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन बृहस्पतिवार से बेंगलुरु में आरंभ हुआ। इसका उद्देश्य क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र द्वारा शुरू की गई पहलों और परियोजनाओं के बारे में सभी पक्षकारों को जानकारी देना है।

तेलंगाना के वारंगल स्थित पालमपेट में रामप्पा मंदिर को यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल का तमगा दिये जाने के तीन माह बाद यह सम्मेलन यहां हो रहा है।

तेरहवीं शताब्दी में बने इस मंदिर को इसके वास्तुकार रामप्पा के नाम पर जाना जाता है, जिसे सरकार द्वारा 2019 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल टैग के लिए एकमात्र नामांकन के रूप में प्रस्तावित किया गया था।

रेड्डी ने कहा कि इस गति से टीकाकरण को बढ़ाने का सरकार का निर्णय यह सुनिश्चित करना था कि जीवन और आजीविका दोनों सुरक्षित रहें।

पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम, सहकारी संघवाद के प्रधान मंत्री के विचार के अनुरूप है, जहां भारत सरकार और राज्य सरकारें एक बेहतर भारत के समाधान खोजने के लिए एक साथ आती हैं।

उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने भारत की विशाल विविधताओं का उपयोग करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के कई उपाय किए हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय पर्यटन नीति शामिल है, जिसे सरकार राज्यों और सभी हितधारकों के साथ घनिष्ठ परामर्श के बाद प्रस्तुत करना चाहती है।

रेड्डी ने कहा कि इसमें विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा प्रदान करने के लिए परामर्श, टूर ऑपरेटरों को 10 लाख रुपये का असुरक्षित ऋण और महामारी से प्रभावित पर्यटक गाइडों को 1 लाख रुपये का ऋण तथा एक नया डेटा-संचालित अतुल्य भारत 2.0 अभियान शामिल है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू होने के बाद विदेशी आगंतुकों को पांच लाख मुफ्त वीजा प्रदान किए जाएंगे, जबकि ई-वीजा को 169 देशों में विस्तारित किया जाएगा।

तमिलनाडु के पर्यटन मंत्री एम मथिवेंथन, तेलंगाना के पर्यटन मंत्री श्रीनिवास गौड़, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री आनंद सिंह और पुडुचेरी के पर्यटन मंत्री के लक्ष्मीनारायण ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया।

केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), रेल मंत्रालय और विभिन्न अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, उद्योग के हितधारकों ने भी इसके उद्घाटन के दिन सम्मेलन में भाग लिया।

दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत को एक बेशकीमती खजाना बताते हुए रेड्डी ने हाल ही में रामप्पा मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट नक्काशीदार गुफाओं से लेकर लुभावने हिल स्टेशनों तक, आध्यात्मिक रूप से इच्छुक लोगों के लिए शांत मंदिरों से लेकर खूबसूरत समुद्र तटों और बैकवाटर तक दक्षिणी क्षेत्र में बहुत कुछ है।

मंत्रालय अपनी विभिन्न योजनाओं और प्रमुख पहलों के माध्यम से दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ब्रांडिंग और विपणन सहायता भी प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास पर केंद्रित स्वदेश दर्शन योजना के तहत दक्षिणी राज्यों में 1,088 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

मंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिकता संवर्धन अभियान) के तहत मंत्रालय ने इस क्षेत्र में छह परियोजनाओं को मंजूरी दी है जो पूरे बजट का 15 प्रतिशत है।

भाषा

सुरेश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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