भारत 2023 में दुनिया का चौथा सबसे अधिक सैन्य खर्च वाला देश रहा: रिपोर्ट |

भारत 2023 में दुनिया का चौथा सबसे अधिक सैन्य खर्च वाला देश रहा: रिपोर्ट

भारत 2023 में दुनिया का चौथा सबसे अधिक सैन्य खर्च वाला देश रहा: रिपोर्ट

:   Modified Date:  April 23, 2024 / 07:00 PM IST, Published Date : April 23, 2024/7:00 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) भारत 2023 में 83.6 अरब डॉलर के खर्च के साथ अमेरिका, चीन और रूस के बाद विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश था। एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने अपनी रिपोर्ट इस महीने अपनी वेबसाइट पर साझा की और कहा कि पिछले साल वैश्विक सैन्य खर्च में ‘वृद्धि’ के लिए ‘मुख्य रूप से यूक्रेन में चल रहे युद्ध और एशिया तथा ओशिनिया व पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव’ को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सभी पांच भौगोलिक क्षेत्रों में सैन्य खर्च बढ़ गया है और सबसे अधिक खर्च वृद्धि यूरोप, एशिया और ओशिनिया तथा पश्चिम एशिया में दर्ज की गई।

यह रिपोर्ट दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे इजराइल-हमास, ईरान-इजराइल और रूस-यूक्रेन जैसे संघर्षों के अलावा लाल सागर क्षेत्र में अस्थिरता के बीच आई है।

इसके अनुसार, ‘‘विश्व सैन्य व्यय 2023 में लगातार नौवें वर्ष बढ़कर कुल 2443 अरब डॉलर तक पहुंच गया। 2023 में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि 2009 के बाद से साल-दर-साल सबसे तेज वृद्धि थी और इसने वैश्विक खर्च को सिपरी द्वारा अब तक दर्ज उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया।’’

‘विश्व सैन्य बोझ’ 2023 में बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गया, जिसे वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सैन्य खर्च की हिस्सेदारी को प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार सरकारी व्यय के हिस्से के रूप में औसत सैन्य व्यय 2023 में 0.4 प्रतिशत अंक बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गया। इसमें कहा गया है कि प्रति व्यक्ति विश्व सैन्य खर्च 1990 के बाद से सबसे अधिक 306 डॉलर था।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2023 में 83.6 अरब डॉलर के सैन्य खर्च के साथ दुनियाभर में सैन्य खर्च के मामले में चौथे स्थान पर था।

सिपरी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीयों द्वारा खर्च 2022 से 4.2 प्रतिशत और 2014 से 44 प्रतिशत बढ़ गया है। इसमें कहा गया कि भारत के सैन्य खर्च में वृद्धि ‘मुख्य रूप से बढ़ती कार्मिक और परिचालन लागत का परिणाम थी’ जो 2023 में कुल सैन्य बजट का लगभग 80 प्रतिशत थी।

भाषा वैभव माधव

माधव

 

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