नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर इलाके की करीब 200 झुग्गियों को हटाने के प्रस्ताव पर अंतरिम रोक लगाने से शुक्रवार को फिलहाल इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की।
याचिकाकर्ताओं ने सरकारी नीतियों के तहत पुनर्वास और झुग्गियों को अन्यत्र जगह दिये जाने की मांग भी की है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को बताया कि निवासियों को संरक्षण की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी झुग्गियां हटाई जाने वाली है।
विकास सिंह ने दलील दी, ‘‘यह मामला सरोजिनी नगर में झुग्गियों से जुड़ा है और संरक्षण सोमवार तक है। मैं नहीं चाहता कि जैसा जहांगीरपुरी में हुआ, वैसा यहां भी घटित हो। कृपया यथास्थिति बनाये रखने का आदेश मंजूर करें।’’
पीठ ने, हालांकि प्रस्तावित अतिक्रमण-विरोधी अभियान पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह याचिका सोमवार को उचित पीठ के समक्ष सूचीब् की जाएगी।
एक झुग्गी में रहने वाली नाबालिग वैशाली की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि झुग्गीवासी यहां 1980 से रह रहे हैं और वे इस स्थान पर कोई भी सरकार परियोजना नहीं चाहते हैं।
झुग्गीवासी कुछ समय तक अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकना चाहते हैं, साथ ही यह भी चाहते हैं कि उन्हें दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनका पुनर्वास कराया जाये और उन्हें दूसरी जगह बसाया जाये।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल और खंडपीठ ने झुग्गीवासियों की याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिससे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी है।
भाषा
सुरेश दिलीप
दिलीप
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