आईयूएमएल केरल में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के साथ मिलकर काम करती है : माकपा का आरोप |

आईयूएमएल केरल में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के साथ मिलकर काम करती है : माकपा का आरोप

आईयूएमएल केरल में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के साथ मिलकर काम करती है : माकपा का आरोप

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : April 27, 2022/7:12 pm IST

कोच्चि, 27 अप्रैल (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) पर केरल में एसडीपीआई और कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया।

माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि आईयूएमएल कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों व एसडीपीआई के साथ मिलकर काम करती है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आईयूएमएल के समर्थन के कारण कांग्रेस राज्य में “जीवित” रहने में सक्षम थी और वास्तव में आईयूएमएल के पास ही “यूडीएफ गठबंधन की बागडोर है।’’

बालकृष्णन की यह टिप्पणी माकपा के वरिष्ठ नेता और वाम गठबंधन एलडीएफ के नवनियुक्त संयोजक ई. पी. जयराजन के उन बयानों के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें उन्होंने शुरू में आईयूएमएल के प्रति नरमी दिखाई थी। बाद में जयराजन हालांकि अपने बयान से यह कहते हुए पीछे हट गए थे कि किसी ने भी कांग्रेस नीत मोर्चा (यूडीएफ) के एक अहम सहयोगी को सत्ताधारी गठबंधन में आमंत्रित नहीं किया है।

माकपा के राज्य सचिव के बयान पर आईयूएमएल के राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ विधायक पी. के. कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि वाम नेता के ऐसे बयानों का तब कोई मतलब नहीं रह जाता जब “उनकी पार्टी केवल कांग्रेस की मदद से ही पश्चिम बंगाल में जीवित है।”

उन्होंने यह भी कहा कि माकपा को केरल के बाहर, देश में कहीं और पैर जमाने के लिए कांग्रेस के समर्थन की जरूरत है।

आईयूएमएल नेता ने कहा कि कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो देश में धर्मनिरपेक्ष ताकतों का नेतृत्व करने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत है।

माकपा नेता बालकृष्णन ने कहा कि कांग्रेस को केरल में आईयूएमएल द्वारा “ढोया” जा रहा है। माकपा ने यह भी आरोप लगाया कि आईयूएमएल का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और विभिन्न कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों से है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आईयूएमएल अपने कार्यों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राज्य की स्थिति का फायदा उठाने का मौका दे रही है।

भाषा

प्रशांत अविनाश

अविनाश

 

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