रांची, 31 जनवरी (भाषा) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में बुधवार को कड़ी सुरक्षा और राजनीतिक नाटक के बीच मुख्यमंत्री आवास पर छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के बाद सोरेन को रांची में ईडी कार्यालय ले जाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दिन में सोरेन ने दिल्ली में उनके निवास की ईडी द्वारा सोमवार को ली गयी तलाशी को लेकर उसके (ईडी के) कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी।
अधिकारियों ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि सोरेन ने आरोप लगाया है कि ईडी ने ‘‘उन्हें और उनके पूरे समुदाय को परेशान एवं बदनाम करने के लिए’’ यह तलाशी की।
सोरेन (48) सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। इससे पहले उनसे 20 जनवरी को इसी मामले में पूछताछ की गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि उस दिन पूछताछ पूरी नहीं हो पाई थी। उन्होंने बताया कि उस दिन सोरेन से सात घंटे से अधिक वक्त तक पूछताछ की गई थी।
ईडी अधिकारियों ने कहा कि झारखंड में ‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व को गैर कानूनी तरीके से बदलने के एक बड़े रैकेट’ की जांच के तहत सोरेन से पूछताछ की गई।
इस बीच, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि काफी गतिविधियों के बीच तीन बस शाम साढ़े पांच बजे कांके रोड पर सोरेन के आवास पर पहुंचीं। इसके तुरंत बाद मुख्य सचिव एल खिगंते और पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह भी मुख्यमंत्री आवास के अंदर जाते हुए नजर आये।
अधिकारियों ने बताया कि सोरेन ने राष्ट्रीय राजधानी में अपने निवास की एजेंसी द्वारा ली गयी तलाशी को लेकर यहां अनुसूचित जाति/जनजाति पुलिस थाने में ईडी कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी।
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चंदन कुमार सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ईडी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है…. हमें मुख्यमंत्री से आवेदन मिला है।’’
ईडी की एक टीम ने झारखंड में कथित जमीन सौदे से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को दिल्ली में सोरेन के आवास की तलाशी ली थी और वह उनसे पूछताछ के लिए लगभग 13 घंटे तक वहां रूकी थी।
एजेंसी ने तलाशी के दौरान 36 लाख रुपये, एक एसयूवी (कार) और कुछ अभियोजन योग्य दस्तावेज जब्त करने का दावा किया था।
अधिकारियों के मुताबिक सोरेन ने प्राथमिकी में कहा, ‘‘मेरे परिवार के सदस्यों और मैंने इस कार्रवाई के कारण काफी मानसिक, मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक नुकसान उठाया है।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि जब्त की गयी कार के मालिक वह नहीं हैं और बरामद की गयी रकम भी उनकी नहीं है।
संबंधित घटनाक्रम में सत्तारूढ़ झामुमो के विधायक मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सोरेन के आवास पर पहुंच गये।
स्वास्थ्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने कहा कि सोरेन जांच में सहयोग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का यह कर्तव्य है कि वे इस प्रकार की जांच ‘‘ठीक ढंग’’ से करें।
राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सभी विधायक मुख्यमंत्री के साथ हैं।
इस बीच सोरेन से ईडी की पूछताछ के विरोध में झामुमो समर्थकों ने पास के मोराबादी मैदान में विरोध प्रदर्शन किया।
समर्थकों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को उनकी आदिवासी पहचान के कारण भाजपा नीत केंद्र सरकार जांच एजेंसी के मार्फत निशाना बना रही है।
झारखंड की राजधानी के मुख्य स्थानों तथा मुख्यमंत्री आवास के सौ मीटर के दायरे में सुबह नौ बजे से रात दस बजे तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी थी।
भाषा राजकुमार देवेंद्र
देवेंद्र
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