रांची, 18 मई (भाषा) झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के खाते से कोरोना प्रोत्साहन राशि की तथाकथित निकासी के आरोपों के मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को अपने मानहानि के मुकदमे में निर्दलीय विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय के खिलाफ विशेष सांसद/विधायक अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।
इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने भी सरयू राय के खिलाफ डोरंडा थाना में सरकारी गोपनीयता अधिनियम, भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
विभाग ने स्पष्टीकरण दिया था कि नियम के तहत सक्षम पदाधिकारी और विभाग के विभिन्न संकल्पों के आधार पर प्रोत्साहन राशि के लिए लोगों का चयन हुआ था। लेकिन सरयू राय ने इसे गलत तरीके से मीडिया में पेश कर विभागीय मंत्री पर गंभीर सवाल खड़े किए।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में विभाग के भी कई अधिकारी और कर्मचारी गोपनीय फाइल को चुराने और छल से प्राप्त करने या लीक करने के आरोप में शामिल हैं, जिन पर कार्रवाई हो सकती है।
विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया था नियमों को ताक पर रखकर मंत्री ने अपना एवं अपने मातहत 60 कर्मियों का नाम कोरोना प्रोत्साहन राशि के लिए नामित किया था। इस सूची में मंत्री बन्ना गुप्ता का पहला नाम था। इनमें से 54 कर्मियों के खाते में डोरंडा कोषागार से राशि भी भेजी जा चुकी थी। लेकिन तकनीकि कारणों से मंत्री समेत छह लोगों के खाते में राशि नहीं स्थानांतरित हो पाई थी।
सरयू राय के इस आरोप को आधारहीन बताते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता ने उन्हें नोटिस भेजा था, जिसपर सरयू राय ने बन्ना गुप्ता को मुकदमा दर्ज करने की चुनौती दी थी। बन्ना गुप्ता पीछे नहीं हटे और उन्होंने सरयू राय पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जिसमें आज उन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया। मंत्री का बयान दर्ज होने के बाद अब उनके गवाहों के बयान दर्ज होंगे।
भाषा इन्दु सुरभि
सुरभि
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