न्यायमूर्ति राव का अवकाश प्राप्त करना पीठ के लिए बड़ी क्षति : सीजेआई रमण |

न्यायमूर्ति राव का अवकाश प्राप्त करना पीठ के लिए बड़ी क्षति : सीजेआई रमण

न्यायमूर्ति राव का अवकाश प्राप्त करना पीठ के लिए बड़ी क्षति : सीजेआई रमण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : May 20, 2022/10:34 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन.वी.रमण ने शुक्रवार को कहा कि न्यायमूर्ति एल.नागेश्वर राव का अवकाश प्राप्त करना पीठ के लिए बड़ी क्षति है।

उन्होंने कहा कि उनकी विश्लेषण करने की कुशलता और न्याय के प्रति जुनून की कमी हर कोई महसूस करेगा।

न्यायमूर्ति राव उच्चतम न्यायालय के इतिहास में सातवें व्यक्ति हैं जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वह सात जून को अवकाश प्राप्त कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति राव के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि उन्होंने कानून को प्रतिपादित करने और संविधान की व्याख्या करने में अहम भूमिका निभाई है।

सीजेआई ने कहा कि न्यायमूर्ति राव का आंध्र प्रदेश के एक किसान परिवार से देश की शीर्ष अदालत तक का सफर और वह भी बिना किसी गॉडफादर के, वाकई कई युवा वकीलों और न्यायाधीशों को प्रेरित करेगा।

सीजेआई ने कहा, ‘‘जब उन्होंने दिल्ली में वकालत शुरू की तो उनके पीछे मदद करने वाला कोई नहीं था। केवल अपनी अभूतपूर्व प्रतिभा की वजह से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। उन्हें दो कार्यकाल के लिए भारत का अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) नियुक्त किया गया। उन वर्षों में उन्होंने मेहनती और प्रतिबद्ध एएसजी के तौर अपनी छाप छोड़ी।एएसजी के तौर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में जिरह की।’’

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘वह (न्यायमूर्ति राव) हैदर कंसल्टिंग के मामले में पेश हुए जिसमें उच्चतम न्यायालय ने मध्यस्थता कानून की धारा-31 (7) की व्याख्या की। उन्होंने चर्चित सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत संघ के मामले में भी जिरह की जो आपराधिक मानहानि की संवैधानिकता से जुड़ा मामला था। वह कई चर्चित मामलों में पेश हुए और देश के सबसे अधिक चर्चित वकीलों में शुमार रहे।’’

सीजेआई ने कहा कि न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति राव ने कानून को प्रतिपादित करने और संविधान के कई अहम विचारों में व्याख्या करने में अहम भूमिका निभाई और कई ऐतिहासिक फैसले दिए।

एससीबीसी के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि न्यायमूर्ति राव बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं। वह प्रख्यात कानूनविद होने के साथ ही संविधान के वास्तविक संरक्षक हैं।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers