गांधी की भूमि पर अपना राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखना चाहते हैं कंधाल जडेजा |

गांधी की भूमि पर अपना राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखना चाहते हैं कंधाल जडेजा

गांधी की भूमि पर अपना राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखना चाहते हैं कंधाल जडेजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : November 25, 2022/6:40 pm IST

(फोटो के साथ)

(कुमार राकेश)

कुटियाना (गुजरात), 25 नवंबर (भाषा) निवर्तमान विधायक कंधाल जडेजा ने लोगों से उन्हें फिर से निर्वाचित करने की अपील करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगती है लेकिन ‘‘क्या आप अपने गांव के मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री को फोन करेंगे।’’ जडेजा ने स्थानीय स्तर पर काम करने के लिए उन्हें चुनने को कहा ताकि उन्हें (मतदाताओं) दिल्ली पर निर्भर नहीं होना पड़े।

गुजरात में लोगों के बीच यह चर्चा आम है कि गुजरात में अगली सरकार कौन बनायेगा, लेकिन साथ ही यह भी चर्चा का विषय है कि ‘भाई’ (जडेजा) इस ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में अपना राजनीतिक प्रभुत्व बरकरार रख पायेंगे या नहीं।

जडेजा को अक्सर ‘भाई’ के रूप में संदर्भित किया जाता है। जडेजा संतोकबेन जडेजा के बेटे हैं।

कुटियाना गुजरात के पोरबंदर जिले का हिस्सा है। पोरबंदर महात्मा गांधी का जन्मस्थान है। आरोप है कि जडेजा के माता-पिता एक आपराधिक गिरोह चलाते थे, लेकिन बाद में गिरोह के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई कर इसे कमजोर कर दिया था।

कंधाल के पिता सरमन मुंजा जडेजा की उनके विरोधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी और इसके बाद उनकी मां संतोकबेन जडेजा ने कथित अपराध गिरोह का काम संभाल लिया था। कंधाल की मां 1990 में कुटियाना से विधायक चुनी गईं थीं।

संतोकबेन जडेजा की कथित आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर हिंदी फिल्म ‘गॉडमदर’ बनाई गई थी।

कंधाल जडेजा कई गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी हैं लेकिन उनका दावा है कि ये मामले अतीत से संबंधित हैं और लोग उनकी पहुंच और काम के कारण उन्हें वोट देते हैं।

जब उनसे उनके खिलाफ डराने-धमकाने के आरोप के बारे में पूछा गया तो जडेजा ने अपने आसपास लोगों की भीड़ की ओर इशारा करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह ‘ताकत का जोड़’ नहीं है, बल्कि ‘एकता का जोड़’ है। उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टियां उनका विरोध करती हैं क्योंकि वह लोगों के दिलों में बसते हैं।

पूरे निर्वाचन क्षेत्र में कुछ ऐसे लोग हैं जो उनकी मदद करने और विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के वास्ते उनकी तत्परता के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं, लेकिन कई लोग यह भी स्वीकार करते हैं कि वह किसी भी विरोध को हल्के में नहीं लेते हैं।

कंधाल जडेजा ने 2012 और 2017 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर पोरबंदर की कुटियाना सीट से चुनाव जीता था लेकिन इस बार कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में यह सीट राकांपा को नहीं बल्कि कांग्रेस को मिली है। टिकट नहीं मिलने पर कंधाल जडेजा ने राकांपा से इस्तीफा दे दिया था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘कंधाल भाई’ काम करने में विश्वास करते हैं और इसके तौर-तरीकों से ज्यादा चिंतित नहीं हैं।

कंधाल जडेजा का कहना है ‘‘काम के लिए थोड़ा इधर उधर करता हूं। काम है, तो नाम है।’’ उनका कहना है इसीलिए वह भाजपा या कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों में शामिल नहीं होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी पार्टियों में आपको नियमों का पालन करना पड़ता है। लेकिन मैं नियमों का पालन करने में नहीं बल्कि अपना काम करवाने में विश्वास करता हूं।’’

कांग्रेस के कई स्थानीय कार्यकर्ता उनका समर्थन कर रहे हैं ताकि जडेजा की जीत से भाजपा की एक सीट कम हो सके।

जडेजा खुद को भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई से दूर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा ध्यान सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्र के ‘विकास’ पर है। मुझे इसकी परवाह नहीं है कि कहीं और क्या हो रहा है।’’

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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