बेंगलुरू, 23 मई (भाषा) कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संशोधन किए जाने का जोरदार बचाव करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि लोगों और छात्रों के बीच अनावश्यक रूप से भ्रम पैदा किया जा रहा है तथा झूठ फैलाकर सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाठ्यपुस्तकों में गलत तथ्यों को शामिल किया गया या छिपाया गया था, खासकर इतिहास की किताबों में। उन्होंने कहा कि अब जबकि वास्तविक तथ्यों को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है, ‘तथाकथित स्व-घोषित बुद्धिजीवी और शिक्षा विशेषज्ञ’ तथा कांग्रेस नेता इसे नहीं पचा पा रहे हैं और इसलिए झूठ फैला रहे हैं।
नागेश ने कहा, ‘सुचारू रूप से काम कर रहे शिक्षा विभाग को जो लोग पचा नहीं पा रहे हैं, वे झूठ फैला रहे हैं। इसकी शुरुआत इस अफवाह से हुई कि टीपू सुल्तान पर एक अध्याय को पाठ्यपुस्तक से हटाया जा रहा है, हालांकि उस समय तक पाठ्यपुस्तक पुनरीक्षण समिति की रिपोर्ट भी नहीं आई थी। उसके बाद जब किताब छपने के लिए गई, तो यह आरोप लगा कि भगत सिंह से जुड़े एक अध्याय को हटा दिया गया है, जबकि मैंने तत्काल स्पष्टीकरण दिया कि ऐसी कोई चूक नहीं हुई है।’
मंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि पहले बसवन्ना, नारायण गुरु से जुड़े अध्यायों को हटाने के संबंध में गलत सूचना फैलाई गई एवं अब कुवेम्पु के संबंध में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘सांप्रदायिक नफरत पैदा करने के प्रयासों के साथ-साथ लोगों और छात्रों के बीच अनावश्यक रूप से भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।’
भाषा अविनाश नरेश
नरेश
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