बेंगलुरु, 18 सितंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने शनिवार को अधिकारियों को आधिकारिक उद्देश्य के अलावा अपनी शिकायतों को रखने या अपने विचार प्रकट करने के लिए मीडिया के सामने जाने से मना कर दिया।
सरकार ने सरकार या विभाग की उपलब्धियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर व्यक्तिगत उपलब्धि की तरह प्रकट करनेवाले अधिकारियों को भी ऐसा करने से मना करते हुए आधिकारिक जानकारियों को साझा करने के लिए प्रशासन के नाम पर बने खातों या हैंडल का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।
एक आधिकारिक परिपत्र में कहा गया कि सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस या मीडिया में बेवजह बयान देने के मामले सरकार के संज्ञान में आए हैं, इससे प्रशासनिक प्रणाली पर बुरा असर होता है और सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। सरकार ने अधिकारियों के इस तरह के आचरण को गंभीरता से लिया है।
परिपत्र पर मुख्य सचिव पी रवि कुमार के हस्ताक्षर हैं।
यह परिपत्र ऐसे समय में आया है जब राजस्व मंत्री आर अशोक ने बृहस्पतिवार को विधानसभा को बताया था कि सरकार मुख्य सचिव को ‘ओवरएक्टिंग’ करनेवाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देगी, जो सीधे मीडिया के सामने जाकर आरोप लगाते हैं या शिकायत करते हैं।
वह जद (एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और उनकी पार्टी के विधायक सा रा महेश की ओर से पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे। महेश आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधूरी का जिक्र कर रहे थे, जो पहले मैसुरू में उपायुक्त थीं और दोनों ने ही एक-दूसरे पर अनियमिता के आरोप लगाए थे।
भाषा स्नेहा रंजन
रंजन
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
त्रिपुरा पूर्वी लोकसभा सीट पर मतदान जारी
51 mins agoकर्नाटक में 14 लोकसभा सीट पर मतदान जारी
1 hour ago