नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को खनन कंपनियों को कर्नाटक के बल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुरु जिलों की खदानों से निकाले गए लौह अयस्क के निर्यात की अनुमति दे दी।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र सरकार के रुख पर गौर किया और लौह अयस्क के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया। साथ ही पीठ ने कंपनियों को अधिकारियों द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन करने को कहा।
पीठ ने कहा, “हम अपीलकर्ताओं को कर्नाटक के तीन जिलों में पहले निकाले जा चुके लौह अयस्क के भंडार आदि को बेचने की अनुमति देते हैं। इसके लिये ई-नीलामी के बजाय सीधे अनुबंध के आधार पर लौह अयस्क आवंटित करने की अनुमति प्रदान की जा जाती है। आवेदक को कर्नाटक में उत्पादित लौह अयस्क को विदेश में निर्यात करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन इसके लिये भारत सरकार की नीतियों का पालन करना होगा।”
उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के उद्देश्य से 2012 में कर्नाटक से लौह अयस्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह आदेश खनन कंपनियों की याचिकाओं पर पारित किया गया है।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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