Kerala High Court News : The sick elderly should get children

बीमार बुजुर्ग को मिल जाए संतान, पत्नी की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिखाई दरियादिली, अब औलाद के लिए बुजुर्ग करेगा ऐसा काम

Kerala High Court News : संतान की चाह रखने वाले दंपती की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए आईवीएफ पद्धति से पति के वीर्य को निकालने और प्रेजर्व करने की अनुमति दे दी है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : October 8, 2022/1:06 pm IST

Kerala High Court News : कोच्चि – केरल हाईकोर्ट ने दंपती की सुनवाई करते हुए आईवीएफ के माध्यम से इलाज करने की अनुमति दे दी है। दंपती के पास कोई भी औलाद नहीं है। जिन दंपती की ओर से याचिका दायर की गई थी उनमें से पति की उम्र करीब 61 वर्ष और पत्नी की उम्र 39 साल है। वहीं कानूनन इस बात की इजाजत नहीं है कि 55 साल से अधिक उम्र वाला पुरूष का आईवीएफ के जरिए इलाज करवाया जाए। जिसके बाद पत्नी ने कोर्ट को दरवाजा खटखटाया और कामयाबी हासिल हुई। केरल हाई कार्ट ने कहा है कि विषय परिस्थितियों में इस बात की इजाजत दी जाती है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

read more : इन शानदार लोकेशन पर होगी मेगास्टार फिल्मों की शूटिंग, सिल्वर स्क्रीन पर चमकेगा “हमारा प्रदेश” 

Kerala High Court News : पत्नी की ओर से याचिका में यह कहा गया है कि उसका पति हृदय रोग की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इसके साथ ही उसका हृदय केवल 40% क्षमता पर काम कर रहा है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है। संतान की चाह रखने वाले दंपती की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए आईवीएफ पद्धति से पति के वीर्य को निकालने और प्रेजर्व करने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद निःसंतान दंपति अब पति की उम्र 61 साल हो जाने के बाद भी आशा व्यक्त कर रहे हैं।

read more : T20 World Cup 2022 : टी20 वर्ल्ड कप में बुमराह की जगह लेगा यह तेज गेंदबाज, पिच पर दिखाएगा अपनी गेंदबाजी का कहर 

Kerala High Court News : साल 2021 में लागू किए गए असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) अधिनियम के मुताबिक आईवीएफ पद्धति से इलाज के लिए नियम बनाए गए हैं। जिसके तहत अस्पतालों को इस बात की इजाजत नहीं है कि वे 50 से ऊपर की महिलाओं और 55 से ऊपर के उम्र के पुरुषों को आईवीएफ उपचार प्रदान कर सकें। न्यायमूर्ति वीजी अरुण ने स्पष्ट किया कि आदेश विशेष परिस्थितियों में जारी किया गया। युगल को पति के वीर्य को सुरक्षित रखने की अनुमति देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आगे इस मामले में किसी भी अप्रिय घटना या फिर याचिकाकर्ता के स्वास्थ्य में और गिरावट पाई जाती है तो रिट याचिका में जो राहत मांगी गई है वह निष्फल हो जाएगी।

read more : प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट, प्रशासन ने स्कूलों में किया एक दिन का अवकाश घोषित 

Kerala High Court News : याचिका में दंपती की ओर से यह जानकारी दी गई है कि पहले तो पत्नी ने पहले बांझपन के इलाज का विकल्प चुना था। लेकिन आर्थिक तंगी और महामारी के कारण जारी नहीं रख सकी। इसके बाद जब दंपती ने एक अस्पताल में इलाज फिर से शुरू करने का फैसला किया, तो हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई। जिसमें पता चला कि कि पति ही संतान प्राप्ति के लिए उपयुक्त पात्र नहीं था, लेकिन क्योंकि वह 55 वर्ष की कटऑफ आयु को पार कर चुका था जिसके चलते इलाज की इजाजत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें