खरगे ने राज्यसभा में उनके भाषण के कुछ अंश कार्यवाही से हटाने पर आपत्ति जताई |

खरगे ने राज्यसभा में उनके भाषण के कुछ अंश कार्यवाही से हटाने पर आपत्ति जताई

खरगे ने राज्यसभा में उनके भाषण के कुछ अंश कार्यवाही से हटाने पर आपत्ति जताई

:   Modified Date:  February 7, 2024 / 12:27 PM IST, Published Date : February 7, 2024/12:27 pm IST

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हुई चर्चा के दौरान अपने भाषणों के कुछ अंशों को कार्यवाही से हटाए जाने पर बुधवार को आपत्ति जताई।

उच्च सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए खरगे ने कहा कि दो फरवरी को अपने भाषण के दौरान उन्होंने चंद मुद्दों को उठाया था लेकिन उसके कई हिस्सों को कार्यवाही से हटा दिया गया है।

उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए जगदीप धनखड़ से स्पष्टीकरण की मांग की। धनखड़ ने कहा कि बाद में उनकी आपत्तियों पर व्यवस्था देंगे।

खरगे ने कहा कि उन्होंने अपने संबोधन के दौरान एक मुख्यमंत्री की जाति संबंधी टिप्पणियों वाले एक ट्वीट का मुद्दा उठाया था जबकि उन्होंने न तो किसी मुख्यमंत्री का नाम लिया और ना ही राज्य का नाम लिया।

विपक्ष के नेता ने दावा किया कि अपने संबोधन के दौरान उन्होंने राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन विषयक किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।

खरगे ने इस संबंध में सभापति को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जताई और सदन में इसका उल्लेख भी किया।

उन्होंने कहा कि सदन में नियम है कि किसी भी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए पूर्व में नोटिस का प्रावधान है लेकिन उनके मामले में इसकी जरूरत नहीं थी क्योंकि जिस व्यक्ति के ट्वीट का उन्होंने उल्लेख किया था वह ‘उच्च पद पर बैठे’ व्यक्ति की श्रेणी में नहीं आते हैं।

खरगे ने कहा कि कहा कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया था वह तथ्यों पर आधारित था।

उन्होंने कहा, ‘‘करीब दो पन्ने कार्यवाही से हटा दिए गए हैं….जो अंश सदन की कार्यवाही से हटाए गए हैं, उस पर मैं घोर आपत्ति जताता हूं और आपसे आग्रह करता हूं कि उन्हें कार्यवाही में पुनर्रस्थापित किया जाए।’’

उन्होंने कहा कि कार्यवाही से अंशों को हटाए जाने से कभी-कभी अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है।

खरगे ने अपने भाषण के दौरान इस्तेमाल किए गए शब्द विशेष को हटाए जाने पर भी आपत्ति जताई। इस पर धनखड़ ने कहा कि लोकसभा की ओर से जारी की गई असंसदीय शब्दों की सूची संबंधी पुस्तिका में उक्त शब्द को असंसदीय बताया गया है।

भारत राष्ट्र समिति के के केशव राव ने कहा कि जिस शब्द को असंसदीय बताया जा रहा है उसपर एक कानून भी बना है, ऐसे में यह असंसदीय कैसे हो सकता है।

सभापति धनखड़ ने कहा कि वह असंसदीय शब्दों के लिए एक समिति बनाने पर विचार कर रहे हैं।

कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहले सदन की कार्यवाही से असंसदीय शब्दों को हटाए जाने की परंपरा थी लेकिन अब तो भाषण के अंशों को कार्यवाही से हटा दिया जाता है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

माधव

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