विरोध-पद्रर्शनों के बीच कछार में ग्रीनफिल्ड हवाईअड्डे के लिए जमीन साफ की गयी |

विरोध-पद्रर्शनों के बीच कछार में ग्रीनफिल्ड हवाईअड्डे के लिए जमीन साफ की गयी

विरोध-पद्रर्शनों के बीच कछार में ग्रीनफिल्ड हवाईअड्डे के लिए जमीन साफ की गयी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : May 13, 2022/9:08 pm IST

सिलचर (असम), 13 मई (भाषा) असम के कछार जिले में शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शनों के बीच ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा स्थापित करने के लिए एक चाय बागान को साफ करने की प्रक्रिया चल रही है।

अधिकारियों ने बताया कि लालबाग संभाग में डोलू चाय बागान में बृहस्पतिवार से सौ से अधिक खुदाई करने वाली मशीने काम कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि उद्यान क्षेत्र की घेराबंदी कर मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

पुलिस ने कहा कि जमीन साफ करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले इलाके में फ्लैग मार्च किया गया था और अब तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने बताया कि हवाईअड्डा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया संबंधित पक्षों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन के अनुसार की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी व्यक्ति या समूह को कोई शिकायत है, तो उसे उचित माध्यम से निपटा जाना चाहिए और उन्हें यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न नहीं करनी चाहिए।’’

चाय बागान के कर्मचारी यह कहते हुए अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं कि इससे उनकी आजीविका को खतरा है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने डोलू और मैनागढ़ चाय बागानों में भूमि अधिग्रहण के लिए 50 करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की है और पहली किस्त के रूप में 2.37 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं।

डोलू चाय बागान ने कहा कि वह पहले ही कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) खाते में 1.57 करोड़ रुपये जमा कर चुका है। सोमवार को एक समारोह में बागान में काम करने वालों को ग्रेच्युटी चेक सौंपे गये।

भाजपा के सिलचर सांसद राजदीप रॉय ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहूंगा कि सरकार चाय श्रमिकों के साथ-साथ उद्योग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और हम शिकायतों के जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।’’

टीएमसी की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने दावा किया कि प्रशासन ने स्थिति को गलत तरीके से संभाला है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हवाईअड्डा चाहते हैं, लेकिन जिस तरह से भूमि अधिग्रहण और बेदखली शुरू हुई, वह समस्याग्रस्त है। प्रशासन असंवेदनशील है और हम श्रमिकों के लिए उचित मुआवजे और पुनर्वास की मांग करते हैं।’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर श्रमिकों की दुर्दशा पर विचार न करने और कुछ उद्योगपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाया।

भाषा

सुरेश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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