कोच्चि, 25 जनवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने एक मालवाहक जहाज को कोच्चि बंदरगाह छोड़ने से रोकने के लिए दायर नौवाहन मुकदमे पर सोमवार को पहली बार देर रात सुनवाई की।
दक्षिण कोरियाई कंपनी ‘ग्रेस यंग इंटरनेशनल लिमिटेड’ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कोच्चि बंदरगाह ट्रस्ट को एमवी ओशन रोज जहाज को हिरासत में लेने तथा उससे जब्ती और गिरफ्तारियां करने का निर्देश दिया।
अदालत ने रात 11.30 बजे वर्चुअल माध्यम से हुई इस सुनवाई के दौरान जहाज को कोच्चि बंदरगाह छोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया। यह जहाज अंबामामुगल स्थित फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स ट्रैवनकोर लिमिटेड (फैक्ट) के लिए सल्फर की आपूर्ति लेकर आया था।
इस मामले की सुनवाई में न्यायाधीश, संबंधित पक्षों के अधिवक्ता और अदालत कर्मी सहित सभी पक्ष शामिल हुए। एमवी ओशन रोज को पानी उपलब्ध कराने वाली ग्रेस यंग इंटरनेशनल ने अपनी याचिका में जहाज पर ढाई करोड़ रुपये का बकाया होने का आरोप लगाया था।
कंपनी ने अदालत से यह कहते हुए त्वरित सुनवाई करने का अनुरोध किया था कि जहाज मंगलवार तड़के कोच्चि बंदरगाह से रवाना होने वाला है।
न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने जहाज और उसके सभी उपकरणों को तत्काल जब्त करने का निर्देश दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि जहाज अगर 2,43,75,000 रुपये की राशि ब्याज और 25,000 रुपये के कानूनी खर्च के साथ जमा कराता है, जैसा कि ग्रेस यंग इंटरनेशनल द्वारा दावा किया गया है, या फिर संबंधित राशि के लिए सुरक्षा प्रस्तुत करता है तो उसकी जब्ती का आदेश वापस माना जाएगा।
अदालत ने यह भी कहा कि जब्ती के बाद जहाज को छुड़ाने के लिए कोई अर्जी दाखिल नहीं की जाती है या फिर जहाज को छोड़ा हुआ या कर्मचारी रहित पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में वादी (ग्रेस यंग) द्वारा किए जाने वाले आवेदन पर कोच्चि बंदरगाह ट्रस्ट के उप-संरक्षक सात दिन के भीतर प्रतिवादी जहाज की नीलामी के लिए अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट पेश करेंगे। मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।
भाषा पारुल अनूप
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