नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) संघर्ष और हिंसा के कारण दक्षिण एशिया 2023 में में 69,000 विस्थापन हुए, जिनमें से अकेले मणिपुर हिंसा के कारण 67,000 विस्थापन हुए। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
जिनेवा के आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (आईडीएमसी) की रिपोर्ट में इसे
2018 के बाद से भारत में संघर्ष और हिंसा के कारण होने वाले विस्थापन की सबसे अधिक संख्या बताया गया है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में तीन मई, 2023 को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था। इस मार्च के कारण मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पें हुईं जिसमें अंततः 200 से अधिक लोगों की जान चली गई।
मणिपुर उच्च न्यायालय ने पिछले साल मार्च में मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिशें भेजने को कहा था।
इस पहल को कुकी सहित अन्य स्थानीय अनुसूचित जनजातियों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही भूमि विवाद भी तनाव होने का एक अंतर्निहित कारण था।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘तीन मई को चुराचांदपुर जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई और इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, तेंगनुपाल और कांगपोकिपी सहित अन्य जिलों में फैल गई, जिससे विस्थापन के करीब 67,000 मामले सामने आए।’
विस्थापन के तीन-चौथाई से अधिक मामले मणिपुर के अंदर देखने को मिले जबकि कुल विस्थापितों का लगभग पांचवां हिस्सा पड़ोसी राज्य मिजोरम में और कुछ विस्थापित नगालैंड एवं असम में भी पहुंचे।
जैसे ही हिंसा बढ़ी, केंद्र सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया, राज्य में इंटरनेट पर रोक लगा दी गई और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया।
भाषा
योगेश प्रशांत
प्रशांत
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