बाघ अभयारण्यों की सीमाओं से एक किमी के भीतर खनन गतिविधि अदालत के आदेश की अवमानना : न्यायालय |

बाघ अभयारण्यों की सीमाओं से एक किमी के भीतर खनन गतिविधि अदालत के आदेश की अवमानना : न्यायालय

बाघ अभयारण्यों की सीमाओं से एक किमी के भीतर खनन गतिविधि अदालत के आदेश की अवमानना : न्यायालय

:   Modified Date:  May 15, 2024 / 09:46 PM IST, Published Date : May 15, 2024/9:46 pm IST

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्यों की सीमाओं से एक किमी के दायरे में खनन गतिविधियों को जारी रखना उसके पिछले आदेश की अवमानना होगी।

शीर्ष अदालत ने 26 अप्रैल 2023 के अपने फैसले में निर्देश दिया था कि किसी राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के भीतर और उनकी सीमा से एक किमी के क्षेत्र में खनन की अनुमति नहीं होगी।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राजस्थान सरकार को 26 अप्रैल के फैसले का कथित तौर पर उल्लंघन करने वाली सभी खनन गतिविधियों को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

पीठ ने कहा, “26 अप्रैल, 2023 के हमारे फैसले में हमने सभी संरक्षित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। संरक्षित क्षेत्रों का मतलब न केवल राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य से है बल्कि महत्वपूर्ण बाघ आवास, यानी बाघ अभयारण्य भी इसमें शामिल होंगे।”

उसने कहा, “मामले को ध्यान में रखते हुए हम पाते हैं कि महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्यों की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी खनन गतिविधियों को जारी रखना हमारे 26 अप्रैल, 2023 के आदेश की अवमानना होगी।”

पीठ ने कहा कि इन टिप्पणियों के मद्देनजर, उसे नहीं लगता कि महत्वपूर्ण बाघ आवासन क्षेत्र (बाघ अभयारण्य) की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान राज्य को किसी विशेष निर्देश की आवश्यकता है।

मामले में अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

भाषा प्रशांत अविनाश

अविनाश

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