मूंछ का मामला है: निर्दलीय उम्मीदवार ने की ‘मूंछ भत्ते’ की मांग |

मूंछ का मामला है: निर्दलीय उम्मीदवार ने की ‘मूंछ भत्ते’ की मांग

मूंछ का मामला है: निर्दलीय उम्मीदवार ने की ‘मूंछ भत्ते’ की मांग

:   Modified Date:  December 1, 2022 / 04:46 PM IST, Published Date : December 1, 2022/4:46 pm IST

(प्रदीप्त तापदार)

हिम्मतनगर (गुजरात), एक दिसंबर (भाषा) गुजरात विधानसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक दल लोगों को लुभाने के लिये तरह-तरह के वादे कर रहे हैं लेकिन प्रदेश की हिम्मतनगर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मगनभाई सोलंकी के वोट पाने के लिये अपनी मूंछों का आसरा है।

साबरकांठा जिले की हिम्मतनगर सीट से उम्मीदवार 57 वर्षीय सोलंकी दोनों हाथों से अपनी मूछों के छोर को पकड़कर गर्व से कहते हैं कि इनकी लंबाई करीब पांच फुट है। सेना से 2012 में मानद लेफ्टिनेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए सोलंकी की प्रदेश सरकार से मांग है कि मूंछ उगाने वालों को भत्ता दिया जाए।

सोलंकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “जो कोई भी मूंछ उगाता है, सरकार को उसे उनके (मूंछों के) रखरखाव के लिये भत्ता देना चाहिए।”

निर्वाचित होने पर वह राज्य सरकार से गुजरात के युवाओं को मूंछें बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के लिए एक कानून लाने का भी आग्रह करेंगे।

सोलंकी ने कहा, “सेना में, मेरी मूंछों के रखरखाव के लिये मुझे विशेष भत्ता मिलता था। मेरी रेजिमेंट में मुझे मूंछवाला के तौर पर जाना जाता था। मेरी मूछें मेरा गर्व हैं। यह मुझे भीड़ से अलग दिखाती हैं।”

जब वह हिम्मतनगर के एक बाजार में वोट मांग रहे हैं, तो उनकी शानदार मूंछें वास्तव में लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं।

एक मतदाता ने अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म “शराबी” के एक मशहूर संवाद को उद्धृत करते हुए कहा, “मूछें हो तो इनकी जैसी, वरना ना हो”।

हिम्मतनगर सीट पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है और सोलंकी जानते हैं कि यहां से उनके जीतने की गुंजाइश ज्यादा नहीं है। वह कहते हैं कि उन्हें चुनाव लड़ने में मजा आता है इसलिए वह चुनाव लड़ रहे हैं और वह राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों से ऐसा कर रहे हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मैं तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का उम्मीदवार था। मैं चुनाव हार गया लेकिन हार नहीं मानी। 2019 के लोकसभा चुनाव में मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस बार भी मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं।”

सोलंकी का दावा है कि उन्होंने पश्चिम, पूर्व से लेकर उत्तर तक विभिन्न सीमाओं पर काम किया है। उन्होंने कहा कि वह जहां कहीं भी जातें हैं उनकीं मूंछें लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं।

उन्होंने कहा, “मैं जब सेना में था तो मेरी मूंछें ध्यान खींचती थीं और वरिष्ठ अधिकारी हमेशा उसकी सराहना करते थे। जब मैं चुनाव लड़ रहा हूं तो लोग मेरी मूंछे देखकर हैरान रह जाते हैं। बच्चे आकर उन्हें छूने की कोशिश करते हैं, जबकि युवा ऐसी मूंछें उगाने के लिये मुझसे सुझाव मांगते हैं।”

सोलंकी ने कहा कि वह अगर चुनाव जीतते हैं तो पूर्व सैनिकों से संबंधित मुद्दे भी उठाएंगे।

उन्होंने कहा, “मैं पूर्व-सैन्य कर्मियों के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं क्योंकि आजकल जवान नीतिगत बदलावों के कारण जल्दी सेवानिवृत्त होते हैं। उनमें से ज्यादातर 45-46 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने के बाद बेरोजगार हैं। इससे पहले, सेवानिवृत्त जवानों को फिर से नौकरी मिल जाती थी। सरकारी दफ्तरों में… अब वह भी बंद हो गया है।”

उनके परिवार के सदस्यों के अलावा सेना के कुछ सेवानिवृत्त जवान जो उनके मित्र हैं, वे भी उनके लिए प्रचार कर रहे हैं।

सोलंकी मूंछें बढ़ाने के लिए अपने पिता से प्रेरित हुए और 19 साल की उम्र में सेना में शामिल होने तक उनकी मूंछे काफी लंबी हो चुकी थीं। उन्होंने दावा किया कि आज उनकी मूंछ एक तरफ करीब ढाई फुट लंबी है।

हिम्मतनगर से भाजपा ने वीरेंद्रसिंह जाला को, कांग्रेस ने कमलेशभाई पटेल को और आम आदमी पार्टी (आप) ने निर्मलसिंह परमार को टिकट दिया है।

सोलंकी कहते हैं कि वह जब तक चुनाव जीत नहीं जाते, तब तक चुनाव लड़ना नहीं छोड़ेंगे।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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