मप्र नर्सिंग कॉलेज रिश्वत मामला: सीबीआई ने निरीक्षक राहुल राज को बर्खास्त किया |

मप्र नर्सिंग कॉलेज रिश्वत मामला: सीबीआई ने निरीक्षक राहुल राज को बर्खास्त किया

मप्र नर्सिंग कॉलेज रिश्वत मामला: सीबीआई ने निरीक्षक राहुल राज को बर्खास्त किया

:   Modified Date:  May 22, 2024 / 03:38 PM IST, Published Date : May 22, 2024/3:38 pm IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज के अध्यक्ष से दस लाख रुपये की रिश्वत कथित तौर पर लेते हुए गिरफ्तार किये गये अपने निरीक्षक राहुल राज को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ‘‘भ्रष्टाचार के प्रति कतई सहन नहीं करने की अपनी नीति’’ के अनुरूप एजेंसी ने संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत राज को बर्खास्त कर दिया।

सीबीआई ने अपने पुलिस उपाधीक्षक आशीष प्रसाद को भी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। मामले की प्राथमिकी में उनका नाम भी शामिल है।

सुशील कुमार मजोका और ऋषि कांत असाठे, दोनों मध्य प्रदेश पुलिस से सीबीआई के साथ संबद्ध हैं और उन्हें जल्द ही राज्य पुलिस में वापस भेज दिया जाएगा।

एक अधिकारी ने बताया कि राज को रविवार को मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के अध्यक्ष अनिल भास्करन और उनकी पत्नी सुमा अनिल से कथित तौर पर 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए ‘‘रंगे हाथों’’ पकड़ा गया था।

अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालयों को रिश्वत के बदले अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट देने के आरोप में राज समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।

यह कार्रवाई तब शुरू की गई, जब सीबीआई की आंतरिक सतर्कता इकाई से जानकारी मिली कि उसके अधिकारी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्यव्यापी निरीक्षण करने के लिए गठित टीमों में हो रहे कथित भ्रष्टाचार में शामिल हैं।

अदालत के आदेश पर टीम इसलिए बनाई गई थीं ताकि पता लगाया जा सके कि नर्सिंग महाविद्यालय बुनियादी सुविधाओं और संकाय के संबंध में तय मानदंड एवं मानकों का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं।

केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में बताया था कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत सीबीआई ने सात कोर टीम और तीन से चार सहायता टीम का गठन किया था, जिसमें एजेंसी के अधिकारी, राज्य में नर्सिंग महाविद्यालयों द्वारा नामित अधिकारी और पटवारी शामिल थे।

सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया मामला भ्रष्टाचार के प्रति उसकी कतई सहन नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति को मजबूती प्रदान करता है और यह दिखाता है कि संगठन के मूल मूल्यों से भटकने पर सीबीआई अपने अधिकारियों को भी नहीं बख्शती है।’’

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)