मुरलीधरन ने माकपा के सीएए विरोधी रुख पर सवाल उठाया, गिरजाघर प्रमुखों की राय जाननी चाही |

मुरलीधरन ने माकपा के सीएए विरोधी रुख पर सवाल उठाया, गिरजाघर प्रमुखों की राय जाननी चाही

मुरलीधरन ने माकपा के सीएए विरोधी रुख पर सवाल उठाया, गिरजाघर प्रमुखों की राय जाननी चाही

:   Modified Date:  March 30, 2024 / 05:52 PM IST, Published Date : March 30, 2024/5:52 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 30 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने शनिवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के ‘उत्पीड़ित ईसाइयों को शरण देने’ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत केंद्र सरकार के प्रयास में ‘बाधाएं पैदा करने’ का आरोप लगाया।

यद्यपि माकपा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर इस आधार पर आपत्ति जताई है कि यह धर्म के नाम पर लोगों के साथ भेदभाव करता है, क्योंकि इससे मुसलमानों को अलग रखा गया है, लेकिन मुरलीधरन ने दावा किया कि मार्क्सवादी पार्टी का रुख ‘ईसाइयों सहित किसी को भी शरण प्रदान करने के खिलाफ’ था।

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह इस संबंध में माकपा के कथित रुख के बारे में गिरजाघरों के प्रमुखों (पादरियों) की प्रतिक्रिया जानना चाहेंगे।

मुरलीधरन ने कहा, ‘‘मैं गिरजाघरों के प्रमुखों से पूछना चाहता हूं कि केरल सरकार और माकपा द्वारा उस कानून (सीएए) के खिलाफ शीर्ष अदालत का का दरवाजा खटखटाने के बारे में उनकी क्या राय है, जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के बाद भारत में शरण मांगने वाले ईसाई धर्मावलम्बियों को नागरिकता प्रदान करता है।’’

जब पत्रकारों ने उनसे मणिपुर हिंसा के मुद्दे और इस संबंध में कुछ गिरजाघरों के प्रमुखों द्वारा दिए गए हालिया बयानों के बारे में पूछा तो उन्होंने माकपा के सीएए विरोधी रुख की आलोचना की।

मंत्री ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का रुख है कि ऐसे लोगों को देश में शरण नहीं दिया जाना चाहिए, जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का दंश झेलकर भारत में शरण लेने आये हैं। ।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन, केंद्र सरकार ने उत्पीड़न झेलने वाले ऐसे ईसाई भाइयों को शरण देने का रुख अपनाया है। इसलिए, राज्य और ईसाई समुदाय के लोग इस संबंध में चर्च प्रमुखों की राय जानना चाहेंगे।’’

एक सवाल का जवाब देते हुए, विदेश राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि कई गिरजाघर के प्रमुखों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि मणिपुर हिंसा कथित तौर पर एक धार्मिक दंगा नहीं, बल्कि एक जातीय संघर्ष था।

मुरलीधरन पास के अट्टिंगल लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद बोल रहे थे।

भाषा सुरेश माधव

माधव

 

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