नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए उनकी जांच में तेजी लाने पर जोर दिया।
अदालत ने कहा कि खाद्य चक्र ‘खराब’ हो चुका है और शीर्ष निकाय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को पर्याप्त जांच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने विशेष रूप से दूध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए दिल्ली सरकार से परीक्षण के स्तर, यहां खाद्य-निरीक्षण टीम की संख्या और बजट को लेकर संबंधित विभाग से एक हलफनामा जमा करने को कहा।
न्यायमूर्ति पी.एस.अरोड़ा की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, ‘‘एफएसएसएआई को परीक्षण बढ़ाने की जरूरत है। यह न्यूनतम है। हम किस तरह के उत्पाद खा रहे हैं? हम नहीं जानते। हमारा भोजन चक्र खराब हो गया है। आप कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। आप किसी दूसरी दुनिया में नहीं रह रहे हैं। आप किसी भी खाद्य उत्पाद को लें उसमें बहुत सारा कीटनाशक होता है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘आपको अपनी निगरानी शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्याप्त परीक्षण हो। आप सर्वोच्च निकाय हैं।’’
भाषा धीरज माधव
माधव
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