नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में सृजनात्‍मक क्षमता विकसित होगी :राष्ट्रपति |

नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में सृजनात्‍मक क्षमता विकसित होगी :राष्ट्रपति

नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में सृजनात्‍मक क्षमता विकसित होगी :राष्ट्रपति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : November 25, 2021/3:51 pm IST

कानपुर (उप्र), 25 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में लागू की जा रही नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में सृजनात्‍मक क्षमता विकसित होगी तथा भारतीय भाषाओं की ताकत और बढ़ेगी।

राष्ट्रपति ने यहां हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह मेंकहा,”नई शिक्षा नीति द्वारा ऐसी उच्चतर शिक्षा की व्यवस्था की जानी है जो परंपरा से पोषण प्राप्त करती हो और अपने दृष्टिकोण में आधुनिक एवं भविष्योन्मुख भी हो। नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा सूत्र की संस्‍तुति की गई है। इससे विद्यार्थियों में सृजनात्‍मक क्षमता विकसित होगी तथा भारतीय भाषाओं की ताकत और बढ़ेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षा तथा शोध को भारतीय भाषाओं से जोड़ने की संस्तुति की गयी है। मुझे विश्वास है कि आप सब इस शिक्षा नीति के सभी प्रमुख आयामों को लागू करेंगे तथा भारत को ‘नॉलेज सुपर पावर’ बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान देंगे।”

उन्होंने कहा,”तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आज भी बेटियों की भागीदारी संतोषजनक नहीं है। मुझे बताया गया है कि हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भी पीएच. डी. में तो छात्र-छात्रा अनुपात लगभग बराबर है लेकिन बी. टेक. और एम. टेक. में छात्राओं की संख्या छात्रों की अपेक्षाकृत कम है। आज समय की जरूरत है कि बेटियों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।”

राष्ट्रपति ने कहा, ”हमारे देश के तकनीकी संस्थानों को अपने विद्यार्थियों में अन्वेषण, नवाचार और उद्यमशीलता की सोच विकसित करने के प्रयास करने चाहिए। उन्हें शुरू से ही ऐसा वातावरण प्रदान करना चाहिए जिसमें वे नौकरी लेने वाले की जगह नौकरी देने वाले बनकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। डिजिटल अर्थव्यवस्था के युग में भारत के युवा सफलता के ऐसे अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिनकी कुछ वर्षों पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।।”

उन्होंने कहा, ”एक विश्लेषण के अनुसार वर्ष 1990 के बाद जन्म लेने वाले यानी 31 वर्ष से कम आयु के 13 युवा उद्यमियों ने एक हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित कर बिलियनेयर-क्लब में अपना स्थान बनाया है। उनमें एक 23 वर्ष का नवयुवक भी है जिसने तीन साल पहले यानि 20 साल की उम्र में डिजिटल टेक्नॉलॉजी पर आधारित अपना कारोबार शुरू किया। आज भारत में सौ में से 65 अरबपति पैतृक उद्यम के बल पर नहीं बल्कि स्वावलंबन के बल पर सफल उद्यमी बने हैं।”

कोविंद ने कानपुर की प्रशंसा करते हुए कहा,‘‘यहां के प्रशासनिक एवं नगर निगम के अधिकारियों से मैं अपेक्षा करता हूं कि वे देश में लगातार प्रथम स्थान पाने वाले इंदौर शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था को जा कर देखें और वहां के अधिकारियों के साथ ताल-मेल बिठा कर कानपुर को देश के पांच स्वच्छतम शहरों में स्थान दिलाने के लिए प्रयास करें।’’

इस मौके पर उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इतिहास की किताब का विमोचन किया और पहली किताब राष्ट्रपति को भेंट की । बाद में राष्ट्रपति कोविंद ने एक कॉफी टेबल बुक, डाक टिकट, विशेष कवर और 100 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी किया जिसमें शताब्दी समारोह एचबीटीयू की तस्वीर थी।

हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) को 25 नवंबर 1921 को स्थापित किया गया था और 2016 से विश्वविद्यालय का दर्जा रहा है । बृहस्पतिवार को अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। राष्ट्रपति दो दिवसीय कानपुर दौरे पर हैं।

भाषा सं जफर

राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers