राजकोट अग्निकांड के नौ शवों की डीएनए परीक्षण से पहचान की गई: गुजरात के गृह मंत्री |

राजकोट अग्निकांड के नौ शवों की डीएनए परीक्षण से पहचान की गई: गुजरात के गृह मंत्री

राजकोट अग्निकांड के नौ शवों की डीएनए परीक्षण से पहचान की गई: गुजरात के गृह मंत्री

:   Modified Date:  May 27, 2024 / 11:00 PM IST, Published Date : May 27, 2024/11:00 pm IST

अहमदाबाद, 27 मई (भाषा) गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने सोमवार को कहा कि राजकोट में आग से तबाह टीआरपी गेम जोन से बरामद नौ शवों की पहचान डीएनए जांच के माध्यम से की गई है।

राजकोट के मनोरंजन केंद्र में 25 मई को भीषण आग लगने से बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई थी। शव इतने बुरी तरह जल गए थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। इसलिए राज्य सरकार डीएनए जांच के माध्यम से पीड़ितों की पहचान करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की मदद ले रही है। इस प्रक्रिया में समय लगता है।

अपने परिजनों के शव लेने के लिए राजकोट सिविल अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे कई शोकाकुल परिवारों की सोमवार को स्थानीय पुलिस के साथ तीखी बहस हो गई।

सांघवी ने पत्रकारों से कहा, “ मैं उन परिवारों का गुस्सा समझ सकता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। एफएसएल भी चौबीसों घंटे काम कर रही है। एफएसएल के सभी कर्मचारियों ने अपनी छुट्टियां रद्द कर दी हैं ताकि सभी नमूनों का जल्द से जल्द विश्लेषण किया जा सके। मैंने प्रगति की समीक्षा की है और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी हर घंटे जानकारी ले रहे हैं।”

सांघवी ने कहा कि जले हुए शवों से रक्त के नमूने एकत्र करना असंभव था, इसलिए फोरेंसिक विशेषज्ञों ने मृतकों और उनके रिश्तेदारों के डीएनए से मिलान करने के लिए शवों की हड्डियों के नमूने एकत्र किए हैं।

उन्होंने कहा, “अगर नमूने सड़क मार्ग से गांधीनगर लाए जाते तो इसमें लगभग चार घंटे लगते। डीएनए मिलान प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, मुख्यमंत्री ने एक एयर एम्बुलेंस की तैनाती का आदेश दिया।”

मंत्री ने कहा कि डीएनए मिलान की प्रक्रिया एफएसएल में रविवार सुबह शुरू हुई और 18 फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम तब से चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि उन शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंपा जा सके जिनकी पहचान हो गई है।

सांघवी ने कहा,“यह प्रक्रिया लंबी है और इसमें नौ चरण शामिल हैं। डीएनए मिलान के लिए रिश्तेदारों के रक्त के नमूनों का मृतक के रक्त या हड्डी के नमूनों से मिलान किया जाता है। आमतौर पर, प्रत्येक नमूने का विश्लेषण करने में लगभग 48 घंटे लगेंगे।”

उन्होंने कहा, “ अब तक नौ शवों की पहचान हो चुकी है। फिलहाल आठ नमूनों का विश्लेषण चल रहा है। रिपोर्ट आते ही हम परिजनों को सूचित करेंगे।”

भाषा

नोमान प्रशांत

प्रशांत

 

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