सड़क किनारे कोई पेड़ वाणिज्यिक गतिविधियों में बाधा के कारण नहीं काटा जाए: अदालत ने केरल सरकार से कहा |

सड़क किनारे कोई पेड़ वाणिज्यिक गतिविधियों में बाधा के कारण नहीं काटा जाए: अदालत ने केरल सरकार से कहा

सड़क किनारे कोई पेड़ वाणिज्यिक गतिविधियों में बाधा के कारण नहीं काटा जाए: अदालत ने केरल सरकार से कहा

:   Modified Date:  May 25, 2024 / 02:29 PM IST, Published Date : May 25, 2024/2:29 pm IST

कोच्चि, 25 मई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सड़क किनारे का कोई पेड़ केवल इसलिए नहीं काटा जाए कि वह वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए बाधा है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पेड़ों को केवल तभी काटा और हटाया जा सकता है जब वे क्षतिग्रस्त स्थिति में हों और उनसे जन सुरक्षा को खतरा हो।

न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन ने कहा कि सरकारी जमीन पर उगे पेड़ों को काटने और उनके निपटारे को विनियमित करने वाले वर्ष 2010 के सरकार के एक आदेश के अनुरूप गठित एक समिति द्वारा इस संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए।

अदालत ने 22 मई के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस तरह के निर्णय के बिना, किसी प्राधिकारी द्वारा राज्य में सड़क किनारे के किसी पेड़ को काटा और हटाया नहीं जाएगा। इस प्रभाव से राज्य के मुख्य सचिव जरूरी आदेश जारी करेंगे। केरल सरकार को यह देखना चाहिए कि बिना पर्याप्त कारण के राज्य में सड़क किनारे के किसी पेड़ को काटने और हटाने के अनुरोध को मंजूरी ना दी जाए। पेड़-पौधे पशु-पक्षियों को ठंडी छाया, शुद्ध ऑक्सीजन और आश्रय देते हैं।’’

अदालत ने अपना फैसला वन विभाग के उस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए दिया जिसमें पलक्कड़-पोन्नानी सड़क के निकट निर्मित एक वाणिज्यिक संपत्ति के दृश्य को अवरुद्ध करने वाले पेड़ों को काटने के अनुरोध को खारिज कर दिया गया था।

अदालत ने कहा कि किसी नागरिक की वाणिज्यिक गतिविधि या किसी इमारत की सुरक्षा के लिए वृक्षों को काटा और हटाया नहीं जा सकता।

भाषा संतोष गोला

गोला

 

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