उत्तर-पश्चिमी दिल्ली: मतदाताओं के लिए बुनियादी सुविधाएं, कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण मुद्दे |

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली: मतदाताओं के लिए बुनियादी सुविधाएं, कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण मुद्दे

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली: मतदाताओं के लिए बुनियादी सुविधाएं, कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण मुद्दे

:   Modified Date:  May 15, 2024 / 07:26 PM IST, Published Date : May 15, 2024/7:26 pm IST

(भास्कर मुखर्जी)

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं, साफ-सफाई, अच्छी सड़कें और कनेक्टिविटी उत्तर-पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आया यह निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित है और यहां 25,67,423 मतदाता हैं। इसमें नरेला, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किराड़ी, सुल्तानपुर माजरा, नांगलोई, मंगोलपुरी और रोहिणी विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

रिठाला के निवासी मनोहर सिंह का आरोप है, ‘‘2019 के चुनाव के बाद, हमारे सांसद हंस राज हंस को शायद ही यहां देखा गया। संसद में उनकी उपस्थिति अच्छी थी, लेकिन मुझे नहीं पता कि जरूरत पड़ने पर उन्होंने हमारी समस्याओं को सुनने के लिए कोई दौरा क्यों नहीं किया।’’

निर्वाचन क्षेत्र में कई ग्रामीण इलाके हैं जहां स्थानीय लोग डेयरी के साथ-साथ पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं। प्रवासी आबादी में ज्यादातर रिक्शा चालक और औद्योगिक श्रमिक शामिल हैं। रोहिणी में पिछले कुछ वर्षों में कुछ आवासीय सोसायटी भी बनी हैं।

प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसरों के साथ ही पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की भी कमी का सामना करना पड़ता है। आवासीय सोसायटी में रहने वाले लोग अपराध की घटनाओं के बारे में शिकायत करते हैं।

रोहिणी के बाशिंदे प्रदीप भटनागर ने कहा, ‘‘सड़कें चौड़ी नहीं हैं और व्यस्त समय के दौरान यातायात एक बड़ा मुद्दा है। स्ट्रीट लाइट के काम नहीं करने के कारण इलाके में मोबाइल फोन और आभूषणों की छिनैती चिंता का विषय है।’’

लोगों का यह भी कहना है कि सफाई सुविधाओं की कमी महिलाओं के लिए खतरा पैदा करती है।

बादली गांव के निवासी किशोर नाथ कहते हैं, ‘‘यहां बहुत कम सार्वजनिक शौचालय हैं और उनमें से ज्यादातर की हालत बहुत खराब है। कई जगहों पर लोग खुले में शौच करते हैं। नेताओं को आम आदमी से जुड़े ऐसे मुद्दों के समाधान के बारे में सोचना चाहिए।’’

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली राजधानी के उन क्षेत्रों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं होती हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हम अवैध शराब और नशीले पदार्थों की तस्करी पर चौबीस घंटे कड़ी निगरानी रखते हैं। हमने पुलिस अधिकारियों को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। किसी को भी कानून और व्यवस्था की स्थिति का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है।’’

रोहिणी निवासी नूपुर जैन ने कहा, ‘‘सड़कों की हालत ठीक नहीं है वहीं चेन, मोबाइल फोन झपटमारी की घटनाएं आम हैं। साफ पानी की आपूर्ति यहां मुख्य मुद्दा है। कई बार जिस पानी की आपूर्ति होती है वह इस्तेमाल योग्य नहीं होता। घर पर आरओ के बिना कोई भी पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकता।’’

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के प्रवासी मजदूरों की भी अच्छी खासी संख्या है क्योंकि यहां दो औद्योगिक क्षेत्र नरेला और बवाना हैं जिनमें सैकड़ों कारखाने हैं।

उद्योगपति जग जीवन ने कहा कि बवाना और नरेला में 16,000 से अधिक छोटे और बड़े उद्योग हैं, लेकिन राजमार्ग से कोई उचित कनेक्टिविटी नहीं है और ट्रकों को गांवों की छोटी गलियों से गुजरना पड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां कोई डिस्पेंसरी भी नहीं है जहां हम किसी आपात स्थिति में श्रमिक को ले जा सकें। निकटतम अस्पताल रोहिणी में है जो 15 किमी दूर है और वहां पहुंचने के लिए भारी यातायात का सामना करना पड़ता है।’’

फैक्टरी में काम करने वाले मुकुंद का दावा है कि इलाके में कई अपराधी सक्रिय हैं और वे मोबाइल फोन और पैसे छीन लेते हैं, जब भी कोई उनका विरोध करने की कोशिश करता है तो वे चाकू या अन्य हथियारों से डराते हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार योगेन्द्र चंदोलिया ने भाजपा के दिल्ली में सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करने का भरोसा जताते हुए कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काम देखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य डीएसआईआईडीसी (दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम) द्वारा बवाना में लगाए गए टोल टैक्स को समाप्त करना, उद्योगों को अधिक सुविधाएं प्रदान करके विकसित करना, एक औद्योगिक केंद्र स्थापित करना, गांवों में जलाशयों का कायाकल्प करना, किराड़ी में रेलवे गेट, किराड़ी, मुंडका और बेगमपुर, में जलभराव के मुद्दों का समाधान करना और घेवरा के पास 28 एकड़ जमीन पर बन रहे खेल विश्वविद्यालय को पूरा करने का है।’’

कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज मुंडका, किराड़ी और नरेला जैसे इलाकों में भीड़भाड़ की समस्या बताते हैं, जहां रेलवे क्रॉसिंग हैं। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में ओवरब्रिज और नरेला तक मेट्रो लाइन उनकी प्राथमिकता होगी।

उदित राज ने कहा, ‘‘जब मैं सांसद था, मैंने संसद में मुद्दा उठाया था कि मेट्रो लाइन को बवाना और कुतुबगढ़ तक बढ़ाया जाना चाहिए। हमें इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। निर्वाचन क्षेत्र में उचित जल निकासी व्यवस्था और सड़कों की मरम्मत भी मेरी प्राथमिकताएं हैं।’’

कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा, ‘‘बवाना, बादली और मुंडका में कई औद्योगिक क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में पर्याप्त बिजली और उचित माहौल उपलब्ध कराना भी मेरी प्राथमिकता होगी।’’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

 

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