कटक, 15 अप्रैल (भाषा) उड़ीसा उच्च न्यायालय ने एक दिव्यांग कनिष्ठ शिक्षक की बहाली का आदेश दिया है जिसे 29 अप्रैल, 2011 को ‘शिक्षक सहायक’ के रूप में भर्ती होने के दौरान दिव्यांगता प्रमाणपत्र संबंधी फर्जीवाड़ा करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था।
नबरंगपुर जिले के कोकोडागुडा स्कूल में ‘शिक्षा सहायक’ के रूप में तीन साल की सेवा के बाद संतोष कुमार पाधी को 28 अप्रैल 2014 से उसी स्कूल में कनिष्ठ शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। पाधी को पांच फरवरी 2018 को बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय से अपनी बहाली का आग्रह किया था।
न्यायमूर्ति एस के मिश्रा ने पांच अप्रैल 2022 के अपने आदेश में कहा, ‘इस अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने का आदेश कानून की नजर में टिकाऊ नहीं है। इस आदेश को रद्द किया जाता है।’
अदालत ने अपने निर्णय की तारीख से चार सप्ताह की अवधि के भीतर आवश्यक आदेश पारित कर पाधी को उनकी बर्खास्तगी की तारीख से पूरे पिछले वेतन और अन्य सभी सेवा लाभों के साथ सेवा में फिर से बहाल करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने यह भी कहा कि शिक्षक का दिव्यांगता प्रमाणपत्र उचित प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया था और इसलिए यह वास्तविक साबित हुआ।
भाषा नेत्रपाल नरेश
नरेश
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