रोजगार के मोर्चे पर हमारी सरकार का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ सबसे अच्छा: प्रधानमंत्री मोदी |

रोजगार के मोर्चे पर हमारी सरकार का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ सबसे अच्छा: प्रधानमंत्री मोदी

रोजगार के मोर्चे पर हमारी सरकार का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ सबसे अच्छा: प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  May 20, 2024 / 03:52 PM IST, Published Date : May 20, 2024/3:52 pm IST

(विजय जोशी और कुमार राकेश)

भुवनेश्वर, 20 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में उनकी सरकार का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ पिछली सरकारों की तुलना में सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर विनिर्माण और ईवी जैसे उभरते क्षेत्रों को सहयोग के साथ-साथ स्टार्टअप को सहायता, बुनियादी ढांचे पर पर्याप्त खर्च और पीएलआई योजनाओं ने अधिक रोजगार पैदा करने में मदद की।

अर्थव्यवस्था में पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं करने की आलोचना पर मोदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी सरकार ने ‘‘दुनिया के सर्वोत्तम अवसरों को भारत की दहलीज पर लाने के लिए एक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण’’ के साथ काम किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकारों की तुलना में हमारे युवाओं के लिए अधिक से अधिक अवसर पैदा करने में हमारा ट्रैक रिकॉर्ड सबसे अच्छा रहा है।’’

अधिक रोजगार पैदा करने वाली पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में बड़ी संख्या में भर्तियां की गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले एक साल में ही केंद्र सरकार के दफ्तरों में भर्ती के लिए लाखों नियुक्ति पत्र दिए गए।’’

उन्होंने कहा कि इसे पूरा करने के लिए, सरकार ने निजी क्षेत्र के विकास को लेकर अनुकूल माहौल बनाया, जिससे भी नौकरियां पैदा हुईं। मोदी ने कहा, ‘‘10 वर्षों के भीतर, हमने अपनी व्यापार सुगमता रैंकिंग को 2014 में (दुनिया में) 134वें स्थान से बेहतर कर 2024 में 63वें स्थान पर पहुंचा दिया।’’ उन्होंने संकेत दिया कि निजी क्षेत्र के लिए भारत में व्यापार करना जितना आसान होगा, उतना ही आगे बढ़ने और नौकरियां पैदा करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को लेकर उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लेकर आई।

मोदी ने कहा, ‘‘2014 में भारत में बेचे गए 78 प्रतिशत मोबाइल फोन आयात किए गए थे। आज, भारत में बेचे जाने वाले 99 प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोन ‘मेड इन इंडिया’ हैं और अब हम दुनिया में मोबाइल फोन के अग्रणी निर्यातक बन गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब के रूप में उभरे हैं। देश में 107 यूनिकॉर्न और 1.26 लाख मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं, जो 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा करते हैं। 2014 में, केवल 350 स्टार्टअप थे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘इसके बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि स्टार्टअप की नयी लहर टियर-2 और टियर-3 शहरों से उभर रही है और 47 प्रतिशत स्टार्टअप वहां से आ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार के अवसर कई गुना बढ़ गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है और देश अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर विनिर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में कदम रख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन, तकनीकी स्टार्टअप और साइबर सुरक्षा सभी में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘हम अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भारी निवेश कर रहे हैं। इस साल के बजट में, हमने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया। जिस गति और पैमाने पर हम सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे, बंदरगाह बना रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। क्या आपको नहीं लगता कि बुनियादी ढांचे के इस तेज विकास का रोजगार सृजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा?’’

प्रधानमंत्री ने अपने दावों के समर्थन में आंकड़ों का हवाला दिया। पीएफएलएस (आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण) के आंकड़ों के अनुसार, बेरोजगारी दर आधी-6.1 से 3.2 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप 2017-18 और 2022-23 के बीच ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) पेरोल डेटा की तुलना करें, तो नामांकन लगभग नौ गुना बढ़ गया है। ये कोई छोटी संख्या नहीं है।’’

एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की क्रेडिट-आधारित पहल के साथ-साथ शासन-आधारित कार्यक्रम के कारण 2014 और 2024 के बीच कुल 51.4 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार उत्पन्न हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘जब युवा वोट करते हैं, तो वे पिछले 10 वर्षों में भारत की गति और अवसरों को ध्यान में रखते हैं। यही कारण है कि भाजपा भारत की युवा शक्ति के लिए स्वाभाविक पसंद बनकर उभरी है।’’

कुछ अर्थशास्त्री और विपक्षी दलों के नेताओं ने पीएलएफएस डेटा का हवाला देते हुए दावा किया है कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज गति से बढ़ने के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपनी बड़ी और विस्तारित युवा आबादी के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं की हैं। उनका दावा है कि बेरोजगारी दर 2013-14 में केवल 3.4 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में मामूली गिरावट के साथ 3.2 प्रतिशत रह गई।

आर्थिक ‘थिंक टैंक’ ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ के मुताबिक मार्च में बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत थी।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)