डाक घर विधेयक चर्चा दो रास |

डाक घर विधेयक चर्चा दो रास

डाक घर विधेयक चर्चा दो रास

:   Modified Date:  December 4, 2023 / 05:28 PM IST, Published Date : December 4, 2023/5:28 pm IST

बीजू जनता दल के निरंजन बिशी ने कहा कि यह विधेयक डाक व्यवस्था को अधिक सक्षम बनाएगा। ‘‘ देश में डाक घरों के जरिये चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की बात की जाती है लेकिन ग्रामीण डाक सेवा से जुड़े कर्मियों को किसी तरह का आर्थिक प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। उन्हें विभागीय दर्जा भी दिया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवा वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए जिसकी वजह से डाक सेवा संचार प्रभावित होता है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी आला ने कहा कि यह संशोधन आज की स्थितियों को देखते हुए लाया गया है और निश्चित रूप से परिवर्तनकारी साबित होगा। लेकिन इसमें उस आपात स्थिति को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए जिनमें डाक खोली या रोकी जाएगी।

उन्होंने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि पहले भी अधिकारियों द्वारा डाक रोकने, उसे खोलने के मामले सामने आए हैं जो निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

माकपा के ए.ए.रहीम ने कहा कि संशोधन विधेयक में कई खामियां हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाक विभाग के निजीकरण की चिंता होती है और इस पर स्थिति स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संघीय सिद्धांतों के खिलाफ है क्योंकि इस में राज्य सरकारों के अधिकार ले लिए गए हैं।

विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार का निजीकरण का एजेंडा बढ़ाने के लिए है।

भाजपा की कविता पाटीदार ने कहा कि नए विधेयक में कई तरह की नागरिक केंद्रित सेवाओं को शामिल किया है और पोस्ट आफिस का दायरा विस्तृत करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि पोस्ट मास्टर को व्यापक अधिकार दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि विधेयक निजता के अधिकार का उल्लंघन कतई नहीं है बल्कि यह देश की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। 2004 से 2014 तक 660 डाकघर बंद किए गए थे लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में 5000 से अधिक डाकघर खोले गए हैं।

वाइएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजयसाई रेड्डी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों में मौजूद डाक घरों को राज सहायता देने की बात कही गई है लेकिन इसका दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर डाक घर को कंप्यूटर मुहैया कराना चाहिए तथा पूरी व्यवस्था एक केंद्रीय तंत्र के अंतर्गत लाई जानी चाहिए।

साथ ही उन्होंने डाक कर्मियों को वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप प्रशिक्षण दिए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने डाक विभाग को किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उनके बीच एक संपर्क बनाने का भी सुझाव दिया।

तेलुगु देशम पार्टी के कनकमेदला रवीन्द्र कुमार ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि ग्रामीण डाकघरों की हालत सुधारने का प्रयास किया जाना चाहिए।

भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने विधेयक को क्रांतिकारी बताते हुए कहा ‘‘ प्रधानमंत्री ने महिलाओं, किसानों, युवाओं और गरीबों को वे चार मुख्य जातियां बताया है जिन पर अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। यह विधेयक इन जातियों के लिए उपयोगी साबित होगा।’’

उन्होंने कहा कि मृतप्राय: हो गए डाक घरों को पुन:जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण 16 प्रावधानों के साथ यह विधेयक लाया गया है जो देश की सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। उन्होंने कहा ‘‘सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि जब यह विधेयक कानून बनेगा तो इससे कम से कम एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।’’

जारी भाषा मनीषा

मनीषा माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)