(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को वैश्विक शांति और सुरक्षा को विकास के लिए मूल आधार बताया और कहा कि शांति को शक्ति से ही सुनिश्चित किया जा सकता है।
अलगाव के दृष्टिकोण को अब अतीत की बात बताते हुए उन्होंने “इस मुश्किल समय” में राष्ट्रों के सार्थक चर्चा में शामिल होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना शांतिपूर्ण माहौल के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग है।
धनखड़ ने कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में ‘संघर्ष’ का असर परस्पर विरोधी देशों से परे वैश्विक अर्थव्यवस्था और आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे हालात का समाधान कूटनीति और बातचीत में निहित है।
उपराष्ट्रपति ने आज उप-राष्ट्रपति निवास में अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक सहभागिता कार्यक्रम (आईएन-स्टीईपी) के उद्घाटन में प्रतिभागियों के साथ बातचीत करते हुए यह बात कहीं।
उन्होंने कहा कि भारत की असाधारण विकास की कहानी संशयवादियों से परे है, यह दूरदर्शी नेतृत्व, समावेशी विकास और अटूट दृढ़ता का उदाहरण है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक विस्तारित अर्थव्यवस्था, प्रभावी कूटनीति और बढ़ती हुई सौम्य शक्ति के साथ, आज दुनिया शांति के वास्ते सकारात्मक परितंत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भारत की ओर देख रही है।
भाषा प्रशांत नरेश
नरेश
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