President Election 2022: पहले दिन 10 उम्मीदवारों का नामांकन, नीतीश के बाद पवार का राष्ट्रपति प्रत्याशी बनने से इनकार |

President Election 2022: पहले दिन 10 उम्मीदवारों का नामांकन, नीतीश के बाद पवार का राष्ट्रपति प्रत्याशी बनने से इनकार

President Election Nomination: आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया। दाखिल किए गए 11 नामांकनों में से एक नामांकन अधूरे दस्तावेजों के कारण रद्द हुआ। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : June 16, 2022/1:33 pm IST

President Election 2022: नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी करने के बाद बुधवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। सूत्रों के मुताबिक, पहले दिन 11 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया। दाखिल किए गए 11 नामांकनों में से एक नामांकन अधूरे दस्तावेजों के कारण खारिज हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को निर्धारित है जबकि मतगणना के लिए 21 जुलाई की तारीख तय है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।>>IBC24 News के Whatsapp Group से जुड़ने यहां Click करें<<

राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर विपक्ष की कोशिश है कि आम सहमति से उनका उम्मीदवार बनाया जाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे। हर कोई इस उम्मीदवार को हमारा समर्थन देगा। हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है। हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे और हम इसे फिर से करेंगे’।

NCP प्रमुख शरद पवार का इनकार

President Election 2022: NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘मैं दिल्ली में हुई बैठक में भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक उम्मीदवार के रूप में मेरा नाम सुझाने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं की सराहना करता हूं। हालांकि मैं यह बताना चाहता हूं कि मैंने अपनी उम्मीदवारी के प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया है।’ इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी को अस्वीकार कर दिया था।

बीजेपी भी सर्वसम्मति के प्रयास में

राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर बीजेपी सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर सर्वसम्मति बनाने का प्रयास कर रही है। बीजेपी ने इस अहम कार्य के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी है। ये दोनों नेता एनडीए के घटक दलों के साथ-साथ कांग्रेस समेत यूपीए के भी सभी घटक दलों के साथ बातचीत कर राष्ट्रपति उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश करेंगे।

राष्ट्रपति चुनाव की ये है प्रक्रिया

राष्ट्रपति चुनाव में विधायक और लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद वोटर होते हैं। इस बार देशभर के 4896 सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति का ​चुनाव होगा, जिनमें 776 सांसद और 4120 विधायक शामिल हैं। राष्ट्रपति के लिए अलग अलग राज्यों में विधायकों और सांसदों की वोट वैल्यू अलग अलग होती है। जैसे कि बिहार राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 है। इस तरह विधायकों के सभी वोटों की कुल वैल्यू 42,039 है। वहीं, राज्यसभा और लोकसभा के प्रत्येक सांसद की वोट वैल्यू देशभर में 700 है। इस प्रकार बिहार के सांसदों के वोट का मूल्य 39,200 है। गणना के अनुसार बिहार के पास राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा तीनों मिलाकर कुल 81 हजार 239 मूल्य के वोट हैं। मालूम हो कि इस चुनाव में सांसद एवं विधायक हिस्सा लेते हैं। जहां सिर्फ राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद और विधायकों को वोट देने का अधिकार होता है।

मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं

राष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से गुप्त मतदान के जरिए होता है। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल से होता है, जिसमें लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इनमें दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभा भी शामिल हैं। राज्यसभा और लोकसभा या राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते। इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं। मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा जबकि मतों की गिनती दिल्ली में होगी।

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