चंडीगढ़, 30 मार्च (भाषा) पंजाब के कई हिस्सों में शनिवार को हुई बारिश के बीच गेहूं उत्पादकों ने आशंका जताई है कि बेमौसम बारिश से उनकी खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है। पंजाब के बठिंडा, फाजिल्का, लुधियाना, पटियाला, अमृतसर और पठानकोट समेत कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हुई। तेज हवाओं के साथ भारी बारिश उस समय हुई जब गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है, पंजाब और हरियाणा में गेहूं खरीद का मौसम एक अप्रैल से शुरू हो रहा है। कई किसानों ने अफसोस जताया कि बारिश और तेज़ गति वाली हवाओं के कारण उनकी फसलें चौपट हो गईं, जिससे फसल की पैदावार प्रभावित होगी। बठिंडा के एक किसान ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण उनकी गेहूं की फसल की पैदावार प्रभावित होगी.
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण फसल क्षति का आकलन करने के लिए ‘गिरदवारी’ का आदेश देने की मांग की । शिअद प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा, ‘बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य के मालवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल को चौपट कर दिया है। यह उन किसानों के लिए दोहरा झटका है, जिन्होंने कुछ समय पहले ओलावृष्टि का सामना किया था।’ सुखबीर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान को गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन करने के साथ-साथ किसानों को तुरंत अंतरिम मुआवजा देने के लिए गिरदावरी का आदेश देना चाहिए।’’ उनकी पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘‘मालवा क्षेत्र में आज हुई ओलावृष्टि ने पंजाब के बड़े हिस्से में गेहूं की फसल को चौपट और नष्ट कर दिया है। एक महीने में यह दूसरा मौका है जब ओलावृष्टि हुयी है। हरसिमरत ने कहा कि जिन किसानों को पिछली फसल क्षति के लिए मुआवजा नहीं दिया गया है, उन्हें तुरंत अंतरिम मुआवजा दिया जाना चाहिए जब तक कि गिरदावरी का आदेश नहीं दिया जाता और पूरा नहीं हो जाता। भाषा रंजन रंजन माधवमाधव
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