राजस्थान:‘विकसित भारत शिविरों’ में पेयजल, गैस कनेक्शन के लिए बड़ी संख्या में आ रही महिलाएं |

राजस्थान:‘विकसित भारत शिविरों’ में पेयजल, गैस कनेक्शन के लिए बड़ी संख्या में आ रही महिलाएं

राजस्थान:‘विकसित भारत शिविरों’ में पेयजल, गैस कनेक्शन के लिए बड़ी संख्या में आ रही महिलाएं

:   Modified Date:  January 9, 2024 / 07:36 PM IST, Published Date : January 9, 2024/7:36 pm IST

(दुर्बा घोष)

जैसलमेर (राजस्थान), नौ जनवरी (भाषा) सीमावर्ती जैसलमेर जिले के दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं पानी और रसोई गैस कनेक्शन के लिए ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ (वीबीएसवाई) शिविरों में आ रही हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

शिविर में आई कई महिलाएं जल जीवन मिशन के तहत पेयजल कनेक्शन के लिए पंजीकरण कराते और रसोई गैस के लिए पीएम उज्ज्वला योजना के स्टालों पर भी खड़ी दिखीं।

उल्लेखनीय है कि थार रेगिस्तान में पानी बहुमूल्य है जहां महिलाओं को पानी लाने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है। टैंकरों से पानी मंगवाना बहुत महंगा पड़ता है। इसके बावजूद दैनिक जरूरतों को पूरा करने लायक पानी नहीं मिल पाता।

भारत-पाकिस्तान सीमा के पास के सुल्ताना गांव में वीबीएसवाई शिविर में स्थानीय निवासी किसनी देवी ने कहा,‘‘पानी की कमी कारण हमने कई मवेशी गवां दिए। मैं पानी का कनेक्शन पाने की उम्मीद में यहां आई हूं।’’ उन्होंने कहा, यहां के लोगों की मुख्य आजीविका खेती और पशुपालन है; लेकिन न तो सिंचाई और न ही पशुओं के लिए पानी पर्याप्त मात्रा हैं।

रेगिस्तानी इलाके में जलाने की लकड़ी यानी जलावन की बहुत कमी है। जलाऊ लकड़ी मिलती ही नहीं। इसी जिले के सोनू गांव में शिविर में आईं 36 वर्षीय रेवड़ी देवी ने कहा, ‘‘हमारे गांव के अधिकांश घरों में गैस कनेक्शन नहीं है। महंगा होने के बावजूद हम गैस कनेक्शन लेना चाहते हैं क्योंकि इससे समय की बचत होती है और इस बंजर भूमि में जलाऊ लकड़ी ढूंढना टेढ़ी खीर है।’’

सुल्ताना गांव के स्थानीय भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नेता मनोहर सिंह ने दावा किया कि राज्य की नवगठित भाजपा सरकार ने लाभार्थियों को रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपये में उपलब्ध कराने की घोषणा की जो ‘‘महिलाओं के लिए बड़ी मदद’’ होगी।

महिलाओं ने स्वास्थ्य शिविरों में भी भाग लिया और आयुष्मान भारत कार्ड के लिए अपना पंजीकरण कराया।

सोनू गांव की सुनीता देवी ने दावा किया कि उन्हें विधानसभा चुनाव से पहले ही स्वास्थ्य कार्ड के बारे में पता चला और वह अन्य महिलाओं के साथ पंजीकरण कराने के लिए अपने गांव के ऐसे शिविर में पहुंचीं।

आशा कार्यकर्ता रेवती देवी ने दावा किया कि महिलाओं को सभी मातृ स्वास्थ्य लाभ मिल रहे हैं क्योंकि स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर घर जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी महिला या बच्चा सुविधाओं से वंचित न रहे। उन्होंने दावा किया, ‘‘हम यह सुनिश्चित करते हैं कि महिलाओं और लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन मिले और उन्हें नियमित रूप से स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाए।’’

सुल्ताना गांव के भाजपा नेता केवराज सिंह ने कहा कि सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी है और यहां तक कि जिन लोगों को इन पहलों की जानकारी है वे नहीं जानते कि इनका फायदा कैसे उठाया जाए।

जैसलमेर जिला प्रमुख प्रताप सिंह ने कहा कि वीबीएसवाई शिविरों का प्राथमिक उद्देश्य उन सभी पात्र लोगों, विशेषकर महिलाओं तक पहुंचना है, जिन्हें अभी तक केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिला है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण वीबीएसवाई की शुरुआत देरी से हुई। हालांकि, अधिकारियों के अनुसार अब तक 2.8 लाख महिलाओं सहित छह लाख से अधिक लोग शिविरों में भाग ले चुके हैं।

भाषा पृथ्वी धीरज

धीरज

 

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