राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू को मानहानि का नोटिस भेजा |

राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू को मानहानि का नोटिस भेजा

राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू को मानहानि का नोटिस भेजा

:   Modified Date:  April 7, 2024 / 08:27 PM IST, Published Date : April 7, 2024/8:27 pm IST

शिमला, सात अप्रैल (भाषा) कांग्रेस के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा के हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मानहानि का नोटिस भेजने के दो दिन बाद एक और बागी विधायक राजेंद्र राणा ने भी रविवार को उन्हें ऐसा ही नोटिस भेजा है।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों समेत नौ विधायकों ने ‘‘अपनी आत्मा बेच’’ दी और उन्होंने अपने भाषणों में कांग्रेस विधायकों की तुलना ‘काले नागों’ से की थी।

सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बृहस्पतिवार को एक रैली में आरोप लगाया था कि कांग्रेस के बागी विधायक ‘भ्रष्ट’ हैं और वे जेल में जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय 15-15 करोड़ रुपये में ‘‘बिक’’ गए।

राणा ने भी दावा किया कि मुख्यमंत्री सुक्खू चंडीगढ़ में अपनी सुरक्षा को दरकिनार करते हुए हिमाचल भवन में मुख्यमंत्री के कमरे (सुइट) में रुकने के बजाय हमेशा रात को पांच सितारा होटल में ठहरते हैं।

यहां जारी एक बयान में उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री से मिलने कौन आता है और उनके साथ किस तरह का ‘‘सौदा’’ कथित तौर पर किया जाता है।

तीन बार के विधायक और सुजानपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राणा द्वारा भेजे नोटिस में कहा गया है कि पिछले कुछ सप्ताहों में मुख्यमंत्री सुक्खू, राणा के चरित्र को एक ‘‘बिकाऊ नेता’’ के तौर पर चित्रित कर रहे हैं जिसे भाजपा ने ‘‘खरीद’’ लिया है।

नोटिस में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दुर्भावनापूर्ण, निराधार, फर्जी, मनगढ़ंत, अपमानजनक और प्रेरित भाषणों व बयानों ने राणा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है तथा इतने वर्षों में बनायी उनकी सार्वजनिक छवि पर प्रतिकूल असर डाला है।’’

राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वह हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और शालीनता को शोभा नहीं देता।

कटौती प्रस्तावों और बजट के दौरान विधानसभा में उपस्थित रहने और सरकार के पक्ष में मतदान करने के व्हिप का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभाध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सभी नौ विधायक (कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय) बाद में भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के बागी विधायकों को भाजपा ने उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों से मैदान में उतारा है।

भाषा

गोला नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)