राज्यसभा ने डाकघर विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी |

राज्यसभा ने डाकघर विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी

राज्यसभा ने डाकघर विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी

:   Modified Date:  December 4, 2023 / 05:19 PM IST, Published Date : December 4, 2023/5:19 pm IST

नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) राज्यसभा ने सोमवार को देश में डाकघर से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने के उद्देश्य से लाए गए डाकघर विधेयक, 2023 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

विधेयक के उद्देश्य एवं कारण में कहा गया है कि इसका उद्देश्य भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरस्त करना और भारत में डाकघर से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करना और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों का प्रावधान करना है।

इसमें कहा गया है कि भारतीय डाकघर कानून, 1898 भारत में डाकघर के कामकाज को संचालित करने की दृष्टि से 1898 में अधिनियमित किया गया था। यह कानून मुख्यतया डाकघर के जरिए प्रदान की जाने वाली मेल सेवाओं से संबंधित है।

विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डाक सेवाओं के निजीकरण संबंधी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह सवाल ही नहीं उठता। डेाव सेवाओं के निजीकरण का ना तो विधेयक में कोई प्रावधान है ना ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है।’’

उन्होंने बताया कि इस कानून के जरिए कई प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और सुरक्षा संबंधी उपाय भी किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे प्रक्रियाएं पारदर्शी होंगी। सदस्यों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मकसद डाक सेवाओं को विस्तार देना है। आज डाक सेवा बैंकिंग सेवाओं की तरह काम कर रही है। करीब 26 करोड़ खाते हैं और 17 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। साधारण परिवारों के लिए पैसे बचाने का यह एक जरिया भी है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत तीन करोड़ खाते हैं और इनमें 1.41 करोड़ रुपये के करीब जमा हैं।’’

उन्होंने कहा कि डाकघरों को व्यावहारिक रूप से एक बैंक में तब्दील किया गया है। उन्होंने कहा कि डाकघरों के विस्तार को देखें तो 2004 से 2014 के बीच 660 डाकघर बंद किए गए वहीं 2014 से 2023 के बीच में करीब 5,000 नये डाकघर खोले गये तथा करीब 5746 डाकघर खुलने की प्रक्रिया में हैं।

दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 1,60,000 डाकघरों को कोर बैंकिंग और डिजिटल बैंकिंग से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि डाकघर में बने 434 पासपोर्ट सेवा केंद्रों में अभी तक करीब सवा करोड़ पासपोर्ट आवेदनों पर समुचित कार्रवाई की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 13,500 डाकघर आधार सेवा केंद्र खोले जा चुके हैं।

विधेयक के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में, डाकघर के माध्यम से उपलब्ध सेवाओं में काफी विविधता आई है और डाकघर नेटवर्क विभिन्न प्रकार की नागरिक केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी के लिए एक प्रमुख माध्यम बन गया है, जिसके कारण मूल अधिनियम को निरस्त करना और उसके स्थान पर नया कानून लागू करना आवश्यक हो गया है।

इसमें जिक्र किया गया है कि डाकघर ऐसी सेवाएं प्रदान करेगा जो केंद्र सरकार नियमों द्वारा निर्धारित करती है। इसके साथ ही डाक सेवा महानिदेशक उन सेवाओं को प्रदान करने के लिए आवश्यक गतिविधियों को लेकर नियम बनाएंगे और ऐसी सेवाओं के लिए शुल्क निर्धारित करेंगे। डाकघर को डाक टिकट जारी करने का विशेषाधिकार होगा।

इसमें कहा गया है कि डाकघर और अधिकारियों को डाकघर द्वारा दी गई किसी भी सेवा के दौरान किसी हानि, अन्यत्र वितरण, देरी या क्षति के संबंध में किसी भी जवाबदेही से छूट दी जाएगी, सिवाय ऐसी जवाबदेही के, जो निर्धारित की जा सकती हो।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव

माधव

 

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