नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा शराब सिंडिकेट के ‘सरगना’ है और यह सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में सक्रिय था, जिससे 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय अर्जित हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
वर्ष 2003 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी टुटेजा को पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संघीय धनशोधन रोधी एजेंसी ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह ईडी की हिरासत में हैं।
एजेंसी ने एक बयान में दावा किया कि जांच में पाया गया कि टुटेजा छत्तीसगढ़ में सक्रिय शराब सिंडिकेट के ‘‘सरगना’’ हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘सिंडिकेट चलाने के लिए राज्य प्रशासन के प्रबंधन में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के साक्ष्य एकत्र किए गए हैं और उन्हें इस मामले में एक अन्य सह-आरोपी अनवर ढेबर के साथ भी सक्रिय रूप से शामिल पाया गया है।’’
अनवर ढेबर रायपुर के महापौर एवं कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं।
एजेंसी ने दावा किया कि उसने सबूत जुटाए हैं कि टुटेजा ‘‘आधिकारिक तौर पर आबकारी विभाग का हिस्सा नहीं थे, फिर भी वह इस विभाग के संचालन में सक्रिय रूप से शामिल थे।’’
इसमें कहा गया है कि जांच के दौरान टुटेजा द्वारा 14.41 करोड़ रुपये की प्राप्ति से संबंधित डिजिटल साक्ष्य भी पाए गए हैं।
एजेंसी ने कहा कि मामले में सह-अभियुक्त अरुणपति त्रिपाठी की छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्ति में भी उनकी भूमिका कथित तौर पर पाई गई है।
ईडी ने दावा किया कि टुटेजा की कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को ‘‘भारी नुकसान’’ हुआ।
टुटेजा पिछले साल सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें आखिरी बार छत्तीसगढ़ के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल में आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित उसकी पिछली प्राथमिकी को रद्द करने के बाद ईडी ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में धनशोधन का एक नया मामला दर्ज किया था।
भाषा
देवेंद्र रंजन
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