रूपाला ने पूर्व महाराजाओं पर टिप्पणियों को लेकर क्षत्रिय समुदाय से एक बार फिर माफी मांगी |

रूपाला ने पूर्व महाराजाओं पर टिप्पणियों को लेकर क्षत्रिय समुदाय से एक बार फिर माफी मांगी

रूपाला ने पूर्व महाराजाओं पर टिप्पणियों को लेकर क्षत्रिय समुदाय से एक बार फिर माफी मांगी

:   Modified Date:  March 29, 2024 / 10:49 PM IST, Published Date : March 29, 2024/10:49 pm IST

गोंडल (गुजरात), 29 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता पुरुषोत्तम रूपाला ने देशी रियासतों के पूर्व शासकों पर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणी के लिए शुक्रवार को एक बार फिर माफी मांगी। क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला की टिप्पणी पर आपत्ति जतायी थी।

राजकोट संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने राजकोट जिले के गोंडल शहर के पास समुदाय के नेताओं की एक सभा में क्षत्रिय (राजपूत) समुदाय से हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि उनकी वजह से उनकी पार्टी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा।

इस सभा का आयोजन प्रभावशाली क्षत्रिय नेता और पूर्व भाजपा विधायक जयराजसिंह जडेजा ने किया था।

गुजरात में क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों ने रूपाला की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

केंद्रीय मंत्री द्वारा माफी मांग जाने के बाद, उनकी पार्टी के सहयोगी जडेजा ने घोषणा की कि यह मुद्दा अब खत्म हो गया है।

रूपाला ने सभा में कहा, ‘मेरे लिए यह अफसोस की बात है कि मेरे मुंह से ऐसे शब्द निकले। मेरी वजह से मेरी पार्टी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसलिए, मैं हाथ जोड़कर माफी मांग रहा हूं।’’

जडेजा ने सभा को संबोधित करते हुए जोर दिया कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूपाला को राजकोट से चुनाव लड़ने के लिए चुना है और इसलिए अगर समुदाय लोकसभा चुनाव के बाद मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री कार्यालय में देखना चाहता है तो उनका विरोध करना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘रूपाला ने पहले ही माफी मांग ली है, इसलिए उन्हें माफ करना क्षत्रिय समुदाय का धर्म है। हम सभी को रूपाला को उनकी टिप्पणियों के लिए माफ कर देना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि आप सभी जानते हैं कि इस देश को प्रधानमंत्री मोदी की कितनी जरूरत है। हर राजपूत यह समझता है। अब विरोध करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है।’’

जडेजा ने सभा के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यह मुद्दा यहीं समाप्त होता है और इस सभा के बाद समुदाय में बिल्कुल भी गुस्सा नहीं है। अगर किसी को अब भी कोई समस्या है, खासकर उन्हें जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और जिन्हें यह बैठक पसंद नहीं आई, तो मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मुझसे मुद्दे पर चर्चा के लिए व्यक्तिगत रूप से मिलें।’’

रूपाला ने 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी कि तत्कालीन महाराजाओं ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दिए थे। रूपाला ने कहा था कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध रखा।

रूपाला ने अपनी टिप्पणियों के लिए पहले भी माफी मांगी थी लेकिन समुदाय की समन्वय समिति ने उसे स्वीकार नहीं किया था।

भाषा अविनाश संतोष

संतोष

 

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