नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उसके आदेशों का उल्लंघन कर दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के लिए सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के महानिदेशक और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष को तलब किया।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोनों अधिकारियों को क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और उन्हें तथा वन महानिदेशक और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को नोटिस जारी किया।
पीठ ने कहा, ‘‘यदि हम संतुष्ट होते हैं, तो उन्हें पेड़ दोबारा लगाने का निर्देश देंगे।’’
उच्चतम न्यायालय उस अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में रिज क्षेत्र एकमात्र वन क्षेत्र रह गया है और मैदान गढ़ी के निकट छतरपुर रोड और सार्क विश्वविद्यालय के बीच एक सड़क के निर्माण के लिए डीडीए द्वारा वहां बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि प्रतिवादी सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहेंगे। हम निर्देश देते हैं कि प्रतिवादी आगे से किसी भी पेड़ की कटाई में शामिल नहीं होंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने चार मार्च को डीडीए को 1,051 पेड़ काटने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उनका आवेदन बहुत अस्पष्ट है।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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