फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक निलंबित |

फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक निलंबित

फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक निलंबित

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 12:06 AM IST, Published Date : May 16, 2024/12:06 am IST

जयपुर, 15 मई (भाषा) राजस्थान सरकार ने बुधवार को अंग प्रत्यारोपण मामले में फर्जी एनओसी जारी करने के आरोप में सवाई मान सिंह सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर राजेंद्र बागड़ी को निलंबित कर दिया।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इसके साथ ही डॉ. बागड़ी, डॉ. अचल शर्मा और डॉ. राजीव बगरहट्टा को सेवा नियमों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

डॉ. शर्मा और डॉ. बाघरहट्टा को इस महीने की शुरुआत में क्रमशः एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पद से हटा दिया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने वाली राज्य प्राधिकरण समिति की बैठकें आयोजित नहीं करने के कारण शर्मा और बाघरहट्टा को हटाया गया था।

यह कार्रवाई फर्जी एनओसी मामले की जांच समिति की रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद हुई। जांच समिति ने यह भी पाया कि प्रत्यारोपण के 269 मामले ऐसे थे जिनमें अंग दान करने वाले और अंग प्राप्त करने वाले नजदीकी रिश्तेदार नहीं थे। साथ ही एक साल में हुए कुल अंग प्रत्यारोपण में से विदेशी नागरिकों के 171 प्रत्यारोपण चार निजी अस्पतालों में किए गए।

खींवसर ने बुधवार को कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ आचार्य (जनरल सर्जरी) डॉ.बागड़ी को अप्रैल 2022 में राज्य प्राधिकार समिति का समन्वयक नियुक्त किया गया था।

उन्होंने बताया कि बैठक के नोटिस डॉ. बागड़ी के हस्ताक्षर से जारी किए गए थे, जिन पर बैठक की तारीख और समय का उल्लेख नहीं किया गया था।

खींवसर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”इन सभी तथ्यों से पता चलता है कि डॉ. राजेंद्र बागड़ी को एनओसी के लिए लगातार आ रहे आवेदनों की पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद, बैठक आयोजित नहीं की गईं और बैठकें आयोजित नहीं होने के लिए मुख्य रूप से डॉ बागड़ी जिम्मेदार हैं।’’

सरकार को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया, जिसके आधार पर डॉ. बागड़ी को निलंबित कर दिया गया और नोटिस जारी किए गए।

मंत्री ने कहा, ‘‘ 2020 से 2023 तक अंग प्रत्यारोपण से जुड़ी प्रक्रिया में विभिन्न स्तरों पर घोर लापरवाही और अनियमितताएं हुईं।’’

उन्होंने कहा, “जब डॉ. सुधीर भंडारी एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और नियंत्रक थे, तब से अनियमितताएं और धोखाधड़ी सामने आई हैं। इस संबंध में अन्य राज्यों से भी शिकायतें मिलीं। ”

डॉ भंडारी राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के कुलपति थे। राज्य सरकार द्वारा डॉ अचल शर्मा और डॉ राजीव बगरहट्टा के खिलाफ कार्रवाई के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह ‘स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन’ (सोटो) के लिए गठित एक समिति के अध्यक्ष थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने उन पर कांग्रेस शासन के दौरान कई अनियमितताओं का आरोप लगाया।

पैसे के बदले अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एक अप्रैल को तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।

भाषा कुंज पृथ्वी नोमान

नोमान

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)