भाजयुमो कार्यकर्ता की मौत से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश रहे हैं शाह: तृणमूल |

भाजयुमो कार्यकर्ता की मौत से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश रहे हैं शाह: तृणमूल

भाजयुमो कार्यकर्ता की मौत से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश रहे हैं शाह: तृणमूल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : May 6, 2022/10:02 pm IST

कोलकाता, छह मई (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया की मौत की जांच को प्रभावित करने के कथित प्रयास को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की और उनसे ”गिद्ध राजनीति की संस्कृति” छोड़ने का आग्रह किया।

पार्टी ने दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता शाह को ”भाजपा शासित राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यहां की स्थिति कहीं अधिक बेहतर है।”

दो दिवसीय यात्रा के लिये बंगाल में मौजूद शाह ने चौरसिया के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिसका शव कोलकाता के काशीपुर में एक खाली पड़ी इमारत में लटका मिला था। शाह ने चौरसिया की ”राजनीतिक हत्या” की सीबीआई जांच की मांग की।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना का संज्ञान लिया है और बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और मंत्री शशि पांजा ने शाह पर निशाना साधते हुए कहा, ”राज्य के लोगों द्वारा उनकी विभाजनकारी राजनीति को खारिज किये जाने के एक साल बाद वह बंगाल आए। अब वह भाजपा की गिद्ध राजनीति के साथ वापस आ गए हैं। उन्हें इसे छोड़ देना चाहिए … केंद्रीय गृह मंत्री अपनी टिप्पणियों के माध्यम से जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। वह राज्य सरकार के खिलाफ झूठ फैला रहे हैं।”

शाह ने दिन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बंगाल में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हत्याएं और विपक्षी खेमे के सदस्यों पर हमले हो रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि चौरसिया के परिवार के साथ बदसलूकी की गई और उनका शव जबरन ले जाया गया।

हालांकि पांजा ने कहा कि मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की जरूरत नहीं है।

पांजा ने कहा, ‘वह कह रहे हैं कि शव को बलपूर्वक ले जाया गया। क्या पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर अपना काम नहीं करेगी? देश के गृह मंत्री होने के बावजूद वह इस तरह की टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? यह आश्चर्यजनक है।’

भाषा

जोहेब माधव नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)