शर्मिला ने तेदेपा, वाईएसआरसीपी पर आंध्र के हितों से समझौता करने का लगाया आरोप |

शर्मिला ने तेदेपा, वाईएसआरसीपी पर आंध्र के हितों से समझौता करने का लगाया आरोप

शर्मिला ने तेदेपा, वाईएसआरसीपी पर आंध्र के हितों से समझौता करने का लगाया आरोप

:   Modified Date:  May 9, 2024 / 10:12 AM IST, Published Date : May 9, 2024/10:12 am IST

(लक्ष्मी देवी ऐरे)

कडप्पा (आंध्र प्रदेश), नौ मई (भाषा) आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की प्रमुख वाई एस शर्मिला रेड्डी ने एन चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अपने भाई वाई एस जगन मोहन रेड्डी नीत युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) पर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘नजरों में अच्छा बने रहने’’ के लिए राज्य के हितों के साथ समझौता करने का आरोप लगाया है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान की गई विशेष दर्जे, पोलावरम परियोजना, नयी राजधानी और आर्थिक पैकेज जैसी प्रतिबद्धताओं के लिए ‘‘नहीं लड़ने’’ के लिए दोनों दलों की आलोचना की।

शर्मिला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत के दौरान नायडू और अपने भाई जगन पर निजी महत्वाकांक्षाओं और भाजपा के साथ संबंधों को राज्य के हितों से ऊपर रखने का आरोप लगाया।

शर्मिला ने हाल में अपनी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) का कांग्रेस में विलय कर दिया था।

शर्मिला ने कांग्रेस को आंध्र के उचित दावों का संरक्षण करने और राज्य के विभाजन के समय की गईं प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम एकमात्र ताकत के रूप में पेश करने की कोशिश की।

राज्य में 13 मई को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए एक साथ मतदान होगा।

उन्होंने दावा किया कि अगर 2014 में राज्य के विभाजन के बाद कांग्रेस सत्ता में होती तो आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जा और नयी राजधानी जैसे सभी वादे पूरे हो गए होते ‘‘लेकिन लोग 10 साल बाद देख रहे हैं कि कांग्रेस को वोट न देकर उन्होंने क्या गंवा दिया।’’

उन्होंने अपने चाचा वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में सीबीआई जांच में आरोपी के तौर पर नामजद अपने चचेरे भाई अविनाश रेड्डी को कडप्पा से पुन: वाईएसआरसीपी उम्मीदवार बनाने के लिए भी मुख्यमंत्री जगन पर हमला बोला।

शर्मिला ने कडप्पा संसदीय क्षेत्र से जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि उनका लक्ष्य कांग्रेस को उस ‘‘आंध्र भाजपा’’ के एकमात्र विकल्प के रूप में पेश करना है जिसमें नायडू की तेदेपा, जगन की वाईएसआरसीपी और पवन कल्याण की जन सेना शामिल हैं।

वंशवाद की राजनीति की आलोचना को खारिज करते हुए शर्मिला ने तर्क दिया कि अगर कोई बच्चा माता-पिता का पेशा अपनाता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

कांग्रेस आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीट में से 23 पर चुनाव लड़ रही है, जबकि ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन में उसके सहयोगी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने राज्य की 175 विधानसभा सीट में से 157 क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं और बाकी पर वाम दल चुनाव लड़ रहे हैं।

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)