थाने में आगजनी की जांच करेगी एसआईटी, ‘हिरासत में मौत’ की अलग से जांच: असम के डीजीपी |

थाने में आगजनी की जांच करेगी एसआईटी, ‘हिरासत में मौत’ की अलग से जांच: असम के डीजीपी

थाने में आगजनी की जांच करेगी एसआईटी, ‘हिरासत में मौत’ की अलग से जांच: असम के डीजीपी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : May 22, 2022/9:39 pm IST

नगांव (असम), 22 मई (भाषा) असम के नगांव जिले के बटाद्रवा थाने में आगजनी के आरोप में रविवार को पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और घटना की जांच के लिए जल्द ही एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। यह जानकारी पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को दी।

अधिकारी ने कहा कि एक स्थानीय निवासी की कथित तौर पर हिरासत में मौत की अलग से जांच का आदेश दिया गया है, जिसके बाद थाने पर हमला हुआ था।

जिला प्रशासन ने रविवार को सालनाबोरी गांव में अतिक्रमणकारियों को हटाने का एक अभियान शुरू किया, जिसके निवासियों ने एक दिन पहले एक स्थानीय व्यक्ति सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद कथित रूप से हमला किया था और पुलिस थाने में आग लगा दी थी। इस्लाम को घटना से पहले वाली रात हिरासत में लिया गया था।

रविवार को बटाद्रवा का दौरा करने वाले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत ने कहा, ‘‘आगजनी की घटना की जांच करने के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। पांच व्यक्तियों को पहले ही पकड़ा जा चुका है और अन्य की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए जांच जारी है।’’

हमले के पीछे जिहादियों की संभावित संलिप्तता के सवाल पर महंत ने कहा, ‘‘मैं उन्हें जिहादी नहीं कहूंगा। लेकिन शायद भीड़ को उन लोगों ने जुटाया था जिन्हें भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।’’

डीजीपी ने कहा कि पुलिस के पास सूचना है कि कट्टरपंथी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) नगांव और आसपास के इलाकों में अपना अड्डा जमाने की कोशिश कर रही है।

डीजीपी ने कहा, ‘‘असम, त्रिपुरा और भोपाल में हाल में एबीटी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। हम जानते हैं कि उनमें से कुछ इन क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उन्होंने मस्जिदों और मदरसों में प्रवेश किया है, लेकिन उन्हें आम लोगों का समर्थन नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे स्लीपर सेल बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि विदेशी मुजाहिदीनों को यहां लाया जा सके।’’ महंत ने कहा कि घटना ‘व्यवस्थित और सुनियोजित’ लग रही है। उन्होंने दावा किया, ‘‘इस विशेष घटना में, हमें तैयारियों का संकेत मिला है। लोगों को उकसाया गया था।’’

डीजीपी ने यह भी कहा कि थाने में आग लगाने वाली भीड़ में एक मादक पदार्थ तस्कर और एक लुटेर की पहचान की गई है, साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या हमला सबूत और केस डायरी को जलाने के उद्देश्य से किया गया था।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिले कार्बी आंगलोंग के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रकाश सोनोवाल को हिरासत में मौत के आरोप की स्वतंत्र जांच करने का काम सौंपा गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक तस्वीर देखी है जो स्पष्ट रूप से इस ओर इंगित करती है कि इस्लाम को जब शुक्रवार रात थाने लाया गया था तब उसने शराब पी रखी थी या अधिक मात्रा में मादक पदार्थ का सेवन किया था। तकनीकी रूप से, उसकी हिरासत में मौत हो गई। पुलिस पर गलती करने के आरोप हैं और स्वतंत्र जांच ही इसका निर्धारण करेगी।’’

इससे पहले दिन में महंत ने कहा था कि हिरासत में मौत के आरोप में स्थानीय लोगों ने पिछले दिन जिस बटाद्रवा थाने में आगजनी की थी उसके प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

डीजीपी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि इस्लाम को पुलिस ने शनिवार को रिहा कर दिया और उसकी पत्नी को सौंप दिया, जो उसे बेचैनी की शिकायत किये जाने पर उसे दो अस्पतालों में ले गई। उन्होंने कहा कि इस्लाम को बाद में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

हालांकि सालनाबोरी गांव के मछली व्यापारी के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के लिए 10,000 रुपये और एक बत्तख रिश्वत के रूप में मांगी थी और उसकी पत्नी शनिवार की सुबह एक बत्तख के साथ पुलिस थाने गई थी।

उन्होंने दावा किया कि बाद में जब वह पैसे लेकर लौटी तो उसे पता चला कि उसके पति को नगांव सिविल अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने दावा किया कि वहां पहुंचने के बाद उसने अपने पति को मृत पाया।

ग्रामीणों ने यातना के कारण व्यक्ति की मौत का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया, कथित तौर पर ड्यूटी पर मौजूद कर्मियों के साथ मारपीट की और फिर इमारत को आग लगा दी।

घटना के वीडियो में एक महिला को थाने के सामने खड़े दोपहिया वाहनों पर कुछ ज्वलनशील तरल पदार्थ छिड़कते और आग लगाते हुए देखा गया। कुछ ही देर में थाना आग की चपेट में आ गया और दमकल की गाड़ियों ने बाद में आग पर काबू पाया।

विशेष डीजीपी (कानून व्यवस्था) जी पी सिंह ने बटाद्रवा का दौरा किया और कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों से आगजनी स्थल से अवशेष एकत्र करने का अनुरोध किया गया है क्योंकि आरोप हैं कि मिट्टी के तेल या पेट्रोल जैसे ज्वलनशील तरल पदार्थों का इस्तेमाल किया गया था।

थाने में रखी केस डायरी और अन्य साक्ष्यों के नुकसान के विषय पर सिंह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सभी प्राथमिकी ऑनलाइन दर्ज की गईं और केस डायरी की प्रतियां दो अन्य कार्यालयों में भी रखी गई हैं।

सालनाबोरी गांव में अभियान के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि घटना में शामिल कई लोगों ने उन जमीनों पर कब्जा कर लिया है जिन पर वे रहते हैं और स्वामित्व दिखाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किये हैं।

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने मामला दर्ज कर लिया है और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया है, जिसने बेदखली अभियान चलाया।’’

स्थानीय खबरों के अनुसार लगभग छह मकानों को रविवार को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया जिसमें इस्लाम का मकान भी शामिल है। इस बीच, एआईयूडीएफ के एक पूर्व विधायक अनवर हुसैन लस्कर ने इस्लाम की मौत को लेकर असम राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।

भाषा अमित आशीष

आशीष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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