नई दिल्ली। भारत में अमेरिका छह परमाणु संयंत्र स्थापित करेगा। दोनों देश असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने के लिए सहमत हैं। इस पर भारत के विदेश सचिव विजय गोखले और अमेरिका के एंड्रिया थॉन्पसन ने संयुक्त बयान जारी किया है। हालांकि दोनों ने बयान में ऊर्जा संयंत्रों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। दोनों देश करीब एक दशक से भारत को अमेरिकी न्यूक्लियर रिएक्टर्स की आपूर्ति पर मंथन कर रहे थे।
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सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी सहयोग से छह परमाणु संयंत्र स्थपित होने के बाद भारत को सरप्लस ऊर्जा मिलने लगेगी। यह भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगी।
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अमेरिका के साथ हुए परमाणु समझौते से भारत को एनएसजी (न्यूक्लियर सप्लायर्स) ग्रुप में प्रवेश मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसके जरिए भारत कई देशों के साथ समझौता कर सकता है। बुधवार को जारी संयुक्त वक्तव्य में अमेरिका ने फिर दोहराया कि 48 सदस्यीय एनएसजी ग्रुप में भारत को शामिल करने के लिए वह पुरजोर कोशिश करेगा।
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