नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) राज्यसभा द्वारा दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण के लिए एक विधेयक मंगलवार को पारित किए जाने के बीच, विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सदन का पहला सत्र नहीं हो जाता, तब तक कोई विशेष अधिकारी नए निकाय का प्रमुख होगा।
संसद ने राष्ट्रीय राजधानी के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के प्रावधान वाले ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
विधेयक के अनुसार, दिल्ली के एकीकृत नगर निगम में सीट की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और एक विशेष अधिकारी को एकीकरण कानून के तहत निकाय की पहली बैठक होने तक इसके कार्य की देखरेख के लिए नियुक्त किया जा सकता है।
लोकसभा के पूर्व सचिव एस के शर्मा ने कहा कि तीनों निकाय अपने-अपने कार्यकाल के अंत तक काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक के प्रावधान के अनुसार, इसके बाद एक विशेष अधिकारी तब तक पदभार संभालेगा, जब तक नवगठित इकाई के सदन का पहला सत्र बुला नहीं लिया जाता। ’’
नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संभावना जताई, ‘‘किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को विशेष अधिकारी के पद पर नियुक्त किया जाएगा, जो नए सदन का पहला सत्र बुलाए जाने तक प्रभावी रूप से इसका प्रमुख होगा। पहले सत्र में ही सदन एकीकृत निकाय के महापौर का भी चयन करेगा।’’
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
नेत्रपाल
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