उच्चतम न्यायालय ने असम में डोलू चाय बागान में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया |

उच्चतम न्यायालय ने असम में डोलू चाय बागान में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

उच्चतम न्यायालय ने असम में डोलू चाय बागान में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

:   Modified Date:  April 8, 2024 / 09:21 PM IST, Published Date : April 8, 2024/9:21 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को असम सरकार को कछार जिले में डोलू चाय बागान में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया, जहां ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण प्रस्तावित है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने राज्य सरकार से पर्यावरण पर प्रभाव के आकलन संबंधी रिपोर्ट के बिना चाय बागान में झाड़ियां हटाने को लेकर सवाल किया।

शीर्ष न्यायालय ने तापस गुहा तथा कुछ और लोगों की याचिका पर केंद्र सरकार, पर्यावरण व वन मंत्रालय, असम सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने फैसले में त्रुटि की और यहां तक कि जगह खाली कराने की अनुमति देने और सैद्धांतिक स्वीकृतियों के लिए भी पर्यावरणीय मंजूरी आवश्यक है।

एनजीटी ने गुहा और अन्य की याचिका 25 जनवरी को इस आधार पर खारिज कर दी थी कि पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट की प्रतीक्षा है और हवाई अड्डे के लिए पर्यावरणीय मंजूरी नहीं दी गयी है।

एनजीटी में दायर याचिका में व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) तक डोलू चाय बागान में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के संबंध में आगे कार्रवाई रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा (जीएफए) नीति, 2008 के तहत असम के कछार में डोलू चाय बागान में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के विकास के लिए ‘साइट-क्लीयरेंस’ देने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) को एक आवेदन दिया है।

भाषा गोला दिलीप

दिलीप

 

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