शीर्ष न्यायालय ने आंध्र उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द किया |

शीर्ष न्यायालय ने आंध्र उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द किया

शीर्ष न्यायालय ने आंध्र उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द किया

:   Modified Date:  February 9, 2024 / 09:39 PM IST, Published Date : February 9, 2024/9:39 pm IST

नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें शीर्ष अदालत के कोलेजियम द्वारा दो मुख्य न्यायाधीशों को स्थानांतरित करने पर कड़ी असहमति व्यक्त की गई थी।

शीर्ष अदालत ने इसी के साथ कोलेजियम को कमजोर करने के स्पष्ट प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को फटकार लगाई।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा पारित आदेश में की गई टिप्पणियों को खारिज करते हुए मामले का निपटारा कर दिया।

शीर्ष अदालत आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कुमार के 30 दिसंबर, 2020 के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी।

राज्य भूमि की नीलामी को चुनौती देने वाले मामले से न्यायाधीश को अलग करने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुनाते समय ये टिप्पणियां की गईं।

न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम द्वारा आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी के स्थानांतरण का उल्लेख किया था और कहा था कि इससे दक्षिणी राज्य में सरकार को अनुचित लाभ हो सकता है।

न्यायमूर्ति कुमार ने टिप्पणी की, ‘‘मेरा मानना है कि आज जो स्थिति बनी हुई है, जिसमें न्याय व्यवस्था में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, निष्पक्षता आदि पर सवाल उठ रहे हैं, उसके लिए कुछ हद तक हम भी जिम्मेदार हैं। कई उदाहरणों में हमने देखा है कि न्यायाधीश का पद छोड़ने के तुरंत बाद न्यायाधीशों को नए कार्यभार प्रदान किए जाते हैं।’’

उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘अगर हम सेवानिवृत्ति के बाद कम से कम एक वर्ष की अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति या पुन: रोजगार की अपनी उम्मीद को सीमित करना शुरू कर दें, तो राजनीतिक दल, यहां तक ​​कि सत्ता में कोई भी पार्टी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर नहीं कर सकती है।’’

भाषा

धीरज पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)