नीट परीक्षा को समाप्त करने को उठाएं कदम : उच्च स्तरीय समिति ने की सिफारिश |

नीट परीक्षा को समाप्त करने को उठाएं कदम : उच्च स्तरीय समिति ने की सिफारिश

नीट परीक्षा को समाप्त करने को उठाएं कदम : उच्च स्तरीय समिति ने की सिफारिश

:   Modified Date:  June 10, 2024 / 08:13 PM IST, Published Date : June 10, 2024/8:13 pm IST

चेन्नई, 10 जून (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. राजन ने तमिलनाडु सरकार से कानूनी या विधायी प्रक्रियाओं के माध्यम से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को समाप्त करने के लिए शीघ्र कदम उठाने और प्रथम वर्ष के चिकित्सा कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के अंकों को एकमात्र मानदंड बनाने को कहा।

उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने सरकार को विभिन्न शिक्षा बोर्डों के छात्रों के लिए अवसरों में समानता सुनिश्चित करने और अंकों के सामान्यीकरण का पालन करने की सिफारिश की।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के राज्य में सत्ता में आने के बाद 2021 में नीट आधारित प्रवेश प्रक्रिया के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए समिति का गठन किया गया था।

आंकड़ों के व्यापक विश्लेषण और छात्रों, अभिभावकों एवं जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर समिति की रिपोर्ट प्रकाशित की गई है और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा की गई है, जिससे नीट की गरीब विरोधी और समाजिक न्याय विरोधी प्रकृति को उजागर किया जा सके।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘द्रमुक ने सबसे पहले नीट के खतरों को भांप लिया था और इसके विरुद्ध बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था।’’

उन्होंने अपनी सरकार को सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में साझा की।

समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा, ‘‘राज्य सरकार आवश्यक कानूनी और विधायी प्रक्रिया का पालन कर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्यता मानदंड के रूप में नीट को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठा सकती है।’’

भाषा, यासिर

प्रशांत

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