तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राजकोषीय संघवाद के संरक्षण पर केरल को पूरा समर्थन दिया |

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राजकोषीय संघवाद के संरक्षण पर केरल को पूरा समर्थन दिया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राजकोषीय संघवाद के संरक्षण पर केरल को पूरा समर्थन दिया

:   Modified Date:  February 6, 2024 / 03:33 PM IST, Published Date : February 6, 2024/3:33 pm IST

चेन्नई, छह फरवरी (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राजकोषीय संघवाद को बनाए रखने के मुद्दे पर मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पूरा समर्थन दिया और केंद्र पर संविधान के अनुच्छेद 293 के तहत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके राज्यों की कर्ज लेने के अधिकार को प्रतिबंधित करने का आरोप लगाया।

इस धारा के जरिए केंद्र सरकार की पूर्व सहमति को अनिवार्य कर दिया गया है जो राज्य राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम द्वारा निर्धारित सीमा से परे घाटे के वित्तपोषण को सीमित करने का एक प्रतिबंधात्मक उपकरण बन गया है।

स्टालिन ने विजयन को संबोधित एक पत्र में कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप संविधान निर्माताओं द्वारा परिकल्पित राजकोषीय संघवाद का मूल सिद्धांत गंभीर खतरे में है।’’

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘मैं घाटे के वित्तपोषण पर मनमाने और भेदभावपूर्ण नियंत्रण का उपयोग करके राज्य सरकारों को दबाने के केंद्र सरकार के प्रयासों के महत्वपूर्ण मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने में आपके प्रयासों के लिए ईमानदारी पूर्वक आपकी सराहना करना चाहता हूं।’’ पत्र की एक प्रति यहां मीडियाकर्मियों को उपलब्ध कराई गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी समय से होता आ रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में स्थिति तेजी से बिगड़ी है और प्रगतिशील राज्य सरकारों के बीच एक स्पष्ट सहमति उभर रही है कि राज्य के वित्त पर इस तरह के अप्रत्यक्ष नियंत्रण को खत्म करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपने सही बताया है कि राज्यों के सार्वजनिक व्यय के वित्तपोषण के लिए सार्वजनिक ऋण का विषय भारत के संविधान के अनुसार राज्य विधानमंडल के विशेष दायरे में आता है।’’

केंद्र सरकार राज्यों की कर्ज लेने की क्षमता को प्रतिबंधित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 293 के तहत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है।

तमिलनाडु के मामले में भी ऐसे कदमों से राज्य की पहल के संदर्भ में धन जुटाने में महत्वपूर्ण बाधा उत्पन्न हुई है।

स्टालिन ने कहा, ‘‘ये भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक प्रयास केंद्र सरकार द्वारा ऐसे समय में किए जा रहे हैं जब जीएसटी (माल एवं सेवा कर) के कार्यान्वयन से राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता पहले ही गंभीर रूप से कम हो चुकी है। तमिलनाडु सरकार को प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का सामना करना पड़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र की मंशा राज्यों की संसाधन जुटाने और उनकी नीतिगत प्राथमिकताओं के अनुसार महत्वपूर्ण विकासात्मक पहलों को वित्तपोषित करने की क्षमता को कमजोर करना है।

उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति का समान विचारधारा वाले प्रगतिशील राज्यों द्वारा विरोध करने की जरूरत है।

स्टालिन ने पत्र में कहा, ‘‘मैं राजकोषीय संघवाद को बनाए रखने की केरल सरकार की इस महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता का पूर्ण समर्थन करता हूं।’’

भाषा सुरभि रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)