पंचायतों में प्रौद्योगिकी का पूरा उपयोग हो रहा : सरकार |

पंचायतों में प्रौद्योगिकी का पूरा उपयोग हो रहा : सरकार

पंचायतों में प्रौद्योगिकी का पूरा उपयोग हो रहा : सरकार

:   Modified Date:  February 7, 2024 / 02:53 PM IST, Published Date : February 7, 2024/2:53 pm IST

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) सरकार ने बुधवार को बताया कि पंचायतों में प्रौद्योगिकी का पूरा उपयोग हो रहा है जिसके तहत लगभग सभी पंचायतें ऑनलाइन ऑडिट कर रही हैं एवं करीब ढाई लाख पंचायतें सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से भुगतान कर रही हैं।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पंचायतीराज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटील ने बताया कि राष्ट्रीय ग्राम्य स्वराज अभियान के माध्यम से जन प्रतिनिधियों को विभिन्न स्तरों पर कई तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके तहत जन प्रतिनिधियों को प्रौद्योगिकी के आधार पर भी प्रशिक्षण दिया जाता है।

पाटील ने बताया ‘‘राष्ट्रीय ग्राम्य स्वराज अभियान के तहत 2005 से 2014 तक 27 लाख प्रतिनिधियों को प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिया गया था लेकिन 2014 से 2024 तक करीब तीन करोड़ 26 लाख जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया है।’’

उनसे पूछा गया था कि क्या पंचायतों के प्रतिनिधियों को प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे ‘डिजिटल एसेट्स’ का समुचित उपयोग कर सकें।

पंचायतीराज राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि जन प्रतिनिधियों को प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिए जाने के बाद, अब गांवों में विकास के लिए पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के माध्यम से योजना बनाई जाती है और योजना को अपलोड करने के लिए भी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा ‘‘गांवों की विकास योजना हो, डीपीआर बनाना हो, हर क्षेत्र में पंचायतें प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही हैं।’’

पाटील ने बताया कि करीब ढाई लाख पंचायतें सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से भुगतान कर रही हैं। लगभग सभी पंचायतें ऑनलाइन ऑडिट कर रही हैं।

उन्होंने कहा ‘‘राजनीति में कहते हैं कि पंचायत से संसद तक…. लेकिन प्रौद्योगिकी के उपयोग को देखते हुए कहा जा सकता है कि अब तो यह संसद से पंचायत का सफर बन गया है।

भाषा

मनीषा माधव

माधव

 

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