नई दिल्ली। तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उनकी माने तो उनकी मौत के बाद अगला दलाईलामा भारत से चुना जाना चाहिए। उन्होंने ये भी की कि उनका उत्तराधिकारी चीन से नहीं होगा। वहीं दलाईलामा के इस बयान के बाद चीन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन ने कहा है कि दलाई लामा के अगले उत्तराधिकारी को चीनी सरकार से स्वीकृति लेनी पड़ेगी।
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उत्तराधिकारी को लेकर पहले दलाई लामा ने साल 2018 में कहा था कि इसक चुनाव करना उनका काम नहीं है। उनकी स्वभाविक मृत्यु के बाद एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से इसे लेकर फैसला किया जाना चाहिए। इस बयान के पहले उन्होंने कहा था कि वह अपने 90 साल पूरा कर लेने के बाद इसका फैसला लेंगे।
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बतादें 1959 में चीनी शासन के खिलाफ एक विद्रोह के बाद दलाई लामा भारत आ गए थे। इसके बाद से वह बौद्ध धर्म और तिब्बती लोगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं। 1950 में तिब्बत को अपने नियंत्रण में लेने वाले चीन ने 83 बर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को एक खतरनाक अलगाववादी बाताता है।