भारत में सार्स-कोव-2 का दोहरे उत्परिवर्तन वाला स्वरूप, कई चिंताजनक स्वरूप पाए गए : सरकार | The double mutation pattern of SARS-Cove-2 in India has found many alarming forms: Govt.

भारत में सार्स-कोव-2 का दोहरे उत्परिवर्तन वाला स्वरूप, कई चिंताजनक स्वरूप पाए गए : सरकार

भारत में सार्स-कोव-2 का दोहरे उत्परिवर्तन वाला स्वरूप, कई चिंताजनक स्वरूप पाए गए : सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : March 24, 2021/12:20 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के अंतर्गत कम से कम 18 राज्यों में पहले ही मिल चुके विषाणु के कई चिंताजनक स्वरूपों के अलावा दोहरे उत्परिवर्तन वाला एक नया स्वरूप भी भारत में मिला है।

इनमें से कुछ चिंताजनक स्वरूप ‘‘वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न’’ (वीओसी) पूर्व में दूसरे देशों में मिले थे।

मंत्रालय ने हालांकि कहा कि अब तक पर्याप्त रूप से यह स्थापित नहीं हो पाया है कि क्या भारत में हाल के दिनों में महामारी के मामलों में फिर से वृद्धि के लिए कोरोना वायरस के यही स्वरूप जिम्मेदार हैं।

इसने कहा कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) द्वारा की गई ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ में कई राज्यों में कोरोना वायरस के वीओसी और दोहरे उत्परिवर्तन वाले एक नए स्वरूप की पहचान हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 25 दिसंबर को आईएनएसएसीओजी की स्थापना की थी जो कोविड-19 से संबंधित विषाणुओं की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ और विश्लेषण तथा जीनोमिक स्वरूपों के साथ महामारी संबंधी घटनाक्रमों को देखने वाला दस राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का समूह है।

मंत्रालय ने रेखांकित किया कि विभिन्न विषाणुओं के जीनोमिक स्वरूप एक प्राकृतिक घटनाक्रम हैं तथा ये सभी देशों में पाए जाते हैं।

इसने कहा, ‘‘जब से आईएनएसएसीओजी ने काम शुरू किया है तब से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से साझा किए गए 10787 संक्रमित नमूनों में से इस वायरस के 771 चिंताजनक स्वरूपों (वीओसी) का पता लगाया है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘इनमें ब्रिटेन के वायरस (बी.1.1.7.) लिनिएज के 736 संक्रमित नमूने भी हैं। दक्षिण अफ्रीकी वायरस लिनिएज (बी.1.351) संबंधी 34 नमूने भी संक्रमित पाए गए हैं। एक संक्रमित नमूना ब्राजील के लिनिएज (पी.1) के वायरस से संबंधित पाया गया। ये वीओसी युक्त नमूने देश के 18 राज्यों में चिह्नित किए गए हैं।’’

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

 

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